Uttarayan 2023 Messages in Hindi: देश के विभिन्न हिस्सों में इस साल 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) मनाई जा रही है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण (Uttarayan) के नाम से जाना जाता है और राज्य में इस पर्व को दो दिनों तक मनाया जाता है. मकर संक्रांति को उत्तरायण और उसके अगले दिन को वासी उत्तरायण कहा जाता है. इस पर्व का लुत्फ उठाने के लिए लोग छतों पर आकर आसमान में विभिन्न आकारों और रंगीन पतंगों को उड़ाकर पतंगबाजी करते हैं. इस दो दिवसीय पर्व के दौरान लोग चिक्की, सूखे मेवे और तिल से बनी मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं. दरअसल, मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव धनु राशि छोड़कर अपने पुत्र शनिदेव की मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं, इसलिए इसका विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान-पुण्य जैसे कर्म किए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया गया दान और गंगा स्नान कई गुना अधिक फलदायी होता है.
सूर्य के उत्तरायण से देवताओं के दिन शुरु होते हैं, जबकि दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि माना जाता है. यही वजह है कि सूर्य के उत्तरायण से गंगा स्नान और दान का महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है. मकर संक्रांति यानी उत्तरायण की लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, एसएमएस के जरिए उत्तरायण की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- मीठी बोली, मीठी जुबान
मकर संक्रांति का है यही पैगाम.
उत्तरायण की शुभकामनाएं
2- हर पतंग जानती है,
अंत में कचरे मे जाना है,
लेकिन उसके पहले हमें,
आसमान छूकर दिखाना है,
बस ज़िंदगी भी यही चाहती है.
उत्तरायण की शुभकामनाएं
3- मुंगफली की खुशबू,
और गुड़ की मिठास,
दिलों में खुशी और
अपनो का प्यार,
मुबारक हो आपको
मकर संक्रांति का त्योहार.
उत्तरायण की शुभकामनाएं
4- गुड़ की मिठास,
पतंगों की आस,
संक्रांति में मनाओ,
जम कर उल्लास.
उत्तरायण की शुभकामनाएं
5- दिल में है छाई मस्ती,
मन में भरी है उमंग,
उड़ती हैं पतंगें रंग-बिरंगी,
आसमान में छाया उत्तरायण का रंग.
उत्तरायण की शुभकामनाएं
बहरहाल, हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल को दो भागों में बांटा गया है, जिसे अयन कहा जाता है. एक साल में सूर्यदेव अपनी स्थिति में दो बार परिवर्तन करते हैं, जिसे दक्षिणायन और उत्तरायण कहा जाता है. जब सूर्यदेव मकर राशि से मिथुन राशि तक की यात्रा करते हैं, उस दौरान की अवधि को उत्तरायण कहते हैं और जब सूर्यदेव कर्क राशि से धनु राशि तक की यात्रा करते हैं तो उस दौरान की अवधि को दक्षिणायन कहा जाता है.