Telugu Hanuman Jayanthi 2020: तेलुगु हनुमान जयंती के दिन ही श्रीराम से मिले थे बजरंगबली, जानें इस पर्व को कैसे मनाते हैं तेलुगु समाज के लोग
आज दक्षिण भारत में खासकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जा रहा है, जिसे तेलुगु हनुमान जयंती कहा जाता है. तेलुगु पंचांग के अनुसार, तेलुगु हनुमान जयंती के इस पर्व को हर साल वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि यानी दसवें दिन मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन श्रीराम और हनुमान जी की पहली बार मुलाकात हुई थी.
Telugu Hanuman Jayanthi 2020: कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के बीच आज (17 मई 2020) दक्षिण भारत में खासकर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और तेलंगाना (Telangana) में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का पर्व मनाया जा रहा है, जिसे तेलुगु हनुमान जयंती कहा जाता है. तेलुगु पंचांग के अनुसार, तेलुगु हनुमान जयंती के इस पर्व को हर साल वैशाख मास (Vaishakh) के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि यानी दसवें दिन मनाया जाता है. तेलुगु हनुमान जयंती (Telugu Hanuman Jayanthi) के इस त्योहार को चैत्र पूर्णिमा से शुरु होने वाले 41 दिवसीय हनुमान दीक्षा यानी अंजनि माला के समापन का प्रतीक माना जाता है. इस दिन तेलुगु समाज के लोग भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस पर्व से जुड़ी मान्यता के अनुसार, इसी दिन बजरंगबली की भेंट उनके आराध्य प्रभू श्रीराम से हुई थी.
इसी दिन श्रीराम से मिले से हनुमान
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग में भगवान राम जब अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास पर निकले थे, उस दौरान लंकापति रावण ने छल से माता सीता का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता की खोज में वन-वन भटकने लगे. उन दिनों वानरों के नरेश बाली और सुग्रीव के बीच युद्ध हुआ और सुग्रीव को हार का सामना करना पड़ा. बाली के भय से सुग्रीव ऋष्यमूक पर्वत की गुफा में जाकर छिप गए, जहां हनुमान जी अपने आराध्य प्रभू श्रीराम की तपस्या में लीन थे. श्रीराम और लक्ष्मण माता सीता को ढूंढते हुए जब उस पर्वत पर पहुंचे तो सुग्रीव को लगा कि कहीं बाली ने तो उन्हें नहीं भेजा है, इसलिए उन्होंने पवनपुत्र से अपनी रक्षा के लिए गुहार लगाई. यह भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2020 Wishes: हनुमान जयंती पर सगे-संबंधियों को इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Photo SMS, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
सुग्रीव की याचना पर हनुमान जी ब्राह्मण का वेश धारण करके प्रभू श्रीराम के पास पहुंचे और उनसे पूछा कि आप दोनों कौन हैं और किस उद्देश्य से यहां पधारे हैं. तब उन्होंने अपना और अपने भाई का परिचय देते हुए बताया कि वो अपनी पत्नी सीता को ढूंढ रहे हैं. यह सुनते ही हनुमान जी भाव विभोर हो गए और करुणा भाव से प्रभू श्रीराम के चरणों में गिर गए. इसके बाद प्रभू श्रीराम ने हनुमान जी को हृदय से लगा लिया. तेलुगु धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी को अपने आराध्य से ऋष्यमूक पर्वत पर मिले थे, जो दक्षिण भारत में स्थित है.
41 दिनों तक होती है हनुमान की आराधना
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में तेलुगु हनुमान जयंती का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. यहां के तेलुगु भाषी लोग चैत्र पूर्णिमा से लेकर वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि तक (41 दिन) भगवान हनुमान की आराधना करते हैं, जिसे हनुमान दीक्षा (Hanuman Deeksha) काल कहा जाता है. इस अवधि में भगवान हनुमान यानी अंजनेय (Anjaneya) के सभी भक्त अपने घरों में उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस अवधि के दौरान लोग सात्विक आहार और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. यह भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2020 Messages: इन भक्तिमय हिंदी Facebook Greetings, GIF Wishes, Images, WhatsApp Status, SMS, HD Wallpapers को भेजकर प्रियजनों से कहें हैप्पी हनुमान जयंती
हनुमान जयंती के दिन 41 दिवसीय हनुमान दीक्षा का समापन होता है, इस खास अवसर पर भक्त भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ करते हैं. इसके साथ ही भक्त भद्रचलम राम मंदिर, विजयवाड़ा कनक दुर्गा मंदिर और करीमनगर जिले के कोंडागट्टू जैसे मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन के लिए जाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस प्रकोप के चलते सभी धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है, लिहाजा लोग अपने घरों में रहकर ही सारे त्योहार सादगी से मना रहे हैं.