Shimga 2024 Wishes in Marathi: रंगों के पर्व होली (Holi) को देश के विभिन्न हिस्सों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में रंगों के इस उत्सव की अनूठी छटा देखने को मिलती है. खासकर, कोंकण (Konkan) क्षेत्र के स्थानीय लोग होली के इस उत्सव को शिमगा के तौर पर मनाते हैं. कोंकण शिमगा उत्सव महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में मनाया जाने वाला एक सांस्कृतिक त्योहार है, जिसे होली (Holi) के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व सर्दियों के मौसम के अंत और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है. शिमगा (Shimga) को शिग्मो या शिगमोत्सव त्योहार के तौर पर भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, होलिका दहन से एक हफ्ते पहले से इस उत्सव की तैयारियां शुरु हो जाती हैं और फाल्गुन पूर्णिमा को इसका समापन होता है. इस साल कोंकण शिमगा उत्सव 24 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है.
होलिका दहन से एक हफ्ते पहले लोग अलाव के लिए लकड़ियां इकट्ठा करना शुरु करते हैं, फिर शिमगा के दिन पूरा मोहल्ला एक जगह पर इकट्ठा होता है और एक विशाल अलाव जलाया जाता है. इस गतिविधि को होलिका दहन कहा जाता है. इस बेहद खास अवसर पर आप इन मराठी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और फोटो एसएमएस के जरिए शिमगा यानी होली महोत्सव की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
"होळीनिमित्त सर्वांच्या आयुष्यात आनंद, सुख,
आरोग्य अणि शांति नांदो.
होळीच्या हार्दिक शुभेच्छा"
"मत्सर, द्वेष, मतभेद विसरू
प्रेम, शांती, आनंद चहुकडे पसरू…
अग्नित होळीच्या नकारात्मकता जाळू रे,
आली होळी आली रे!
होळीच्या हार्दिक शुभेच्छा!"
"जळो सर्व दोष जळो सर्व ईर्ष्या
चंद्रासारखे असावे मन सुंदर असावे जग
होळीच्या हार्दिक शुभेच्छा !"
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"टाकून द्या होळीत आयुष्याच्या
अडचणी, चिंता, मनाचा गुंता..
करू होम दु:ख, अनारोग्याचा
होळीच्या हार्दिक शुभेच्छा"
नात्यात यावा गोडवा पुरणपोळीचा
आनंद घेऊन येई सण हा होळीचा
होळीच्या हार्दिक शुभेच्छा "
शिमगा के दिन होलिका जलाकर को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक कहे जाने वाले इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. विस्तृत वेशभूषा में लोग रंगों के साथ खेलते हैं, इसके साथ ही बसंत के मौसम का स्वागत करने के लिए लोक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन करते हैं. क्षेत्र के मछुआरे गायन और नृत्य करके इस उत्सव में भाग लेते हैं. होली के अवसर पर महाराष्ट्र में पूरन पोली बनाई जाती है. कोंकण के स्थानीय लोगों का मानना है कि शिमगा पर्व भगवान के आगमन का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस दिन लोग देवताओं की पालकी यात्रा निकालते हैं.