Sheetala Ashtami 2022 Messages in Hindi: आज यानी 25 मार्च 2022 को शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami) का पर्व मनाया जा रहा है, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का व्रत (Sheetala Ashtami Vrat) किया जाता है. होली के आठ दिन बाद मनाई जाने वाली शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है. इसे गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पूरे भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि माता शीतला (Mata Sheetala) को बासी भोजन अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन उन्हें बासी भोजन का भोग लगाया जाता है यानी सप्तमी तिथि की शाम को ही माता के लिए भोग तैयार कर लिया जाता है, फिर अगले दिन यानी अष्टमी को यह भोग माता को अर्पित किया जाता है और फिर बासी भोजन ही प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है.
मान्यता है कि शीतला अष्टमी का व्रत महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए करती हैं. इस व्रत को विधिवत करने से परिवार के सदस्यों को किसी भी प्रकार का रोग नहीं लगता है और सभी स्वस्थ रहते हैं. इस पर्व की लोग बधाई भी देते हैं, ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ और फोटो एसएमएस को भेजकर हैप्पी शीतला अष्टमी कह सकते हैं.
1- आइए शीतला अष्टमी के इस पवित्र दिन,
निर्धन, लाचार और रोगियों की मदद करें.
हैप्पी शीतला अष्टमी
2- माता शीतला आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि दें,
आपके बच्चो को स्वस्थ रखें और,
आपके जीवन को खुशहाली से भर दें,
शीतला अष्टमी के पावन पर्व की हार्दिक बधाई.
हैप्पी शीतला अष्टमी
3- माता शीतला आपके जीवन से,
सभी कष्टों को दूर करें,
और आपको निरोगी रखें.
हैप्पी शीतला अष्टमी
4- शीतला अष्टमी के पावन पर्व की,
आप सभी को ढ़ेरों शुभकामनाएं,
माता रानी आप को सदैव,
रोगों से दूर रखें...
हैप्पी शीतला अष्टमी
5- मां शीतला आपकी और आपके परिवार की रक्षा करें,
उनकी कृपा से आप सभी रोगों से मुक्त रहें.
हैप्पी शीतला अष्टमी
शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की विधिवत पूजा करनी चाहिए. इस दिन सुबह पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें, फिर नारंगी रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब पूजा के लिए दो थाली सजाएं, एक थाली में दही, रोटी, पुआ, बाजरा, नमक पारे, मठरी और सप्तमी के दिन बने मीठे चावल रखें. फिर दूसरी थाली में आटे का दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, सिक्का, मेहंदी और ठंडे पानी से भरा लोटा रखें. नीम के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और घर के पूजा स्थल पर माता शीतला की प्रतिमा स्थापाति कर धूप-दीप प्रज्जवलित कर विधिवत उनका पूजन करें. फिर थाली में रखा भोग उन्हें अर्पित करें और माता का आशीर्वाद लें.