Sheetala Ashtami 2022 Wishes in Hindi: इस साल शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami) का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीलता अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इसे बसौड़ा के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस दिन माता शीतला (Mata Sheetala) को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, शीतला अष्टमी के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति को रोगों से छुटकारा मिलता है और दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त होता है. शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला को मीठे चावल और बासी रोटी का भोग अर्पित किया जाता है. इस भोग को एक दिन पहले यानी सप्तमी की शाम को तैयार किया जाता है. मीठे चावल को गुड़ या गन्ने के रस से बनाया जाता है.
मान्यता है की माता शीतला को बासी भोजन काफी प्रिय है, इसलिए शीतलाष्टमी के दिन उन्हें बासी भोजन अर्पित करने के बाद लोग उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. इस दिन व्रत रखकर माता शीतला की पूजा-अर्चना करने के साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. आप भी इस अवसर पर इन हिंदी कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- देवी के कदम आपके घर में आए,
आप खुशहाली से नहाएं,
परेशानियां आपसे आंखें चुराए...
शीतला अष्टमी की शुभकामनाएं
2- सजा है दरबार,
एक ज्योति जगमगाई है,
सुना है शीतला अष्टमी का त्योहार आया है,
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्कराई हैं...
शीतला अष्टमी की शुभकामनाएं
3- जगत की पालनहार हैं मां,
मुक्ति का धाम हैं मां,
हमारी भक्ति का आधार हैं मां,
सबकी रक्षा की अवतार हैं मां...
शीतला अष्टमी की शुभकामनाएं
4- शीतला अष्टमी के पावन पर्व पर,
भगवती शीतला से आप सभी के स्वस्थ एवं,
मंगलमय जीवन तथा अपार सुख-समृद्धि का
संचार करने की कामना करते हैं...
शीतला अष्टमी की शुभकामनाएं
5- शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
शीतला अष्टमी की शुभकामनाएं
शीतला अष्टमी का व्रत करने वाल लोग अपने घरों में अष्टमी को चूल्हा नहीं जलाते हैं और इस दिन रात का बना भोजन यानी बासी खाना खाते हैं. इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण की बात करें तो चैत्र माह की सप्तमी और अष्टमी तिथि ऋतुओं के संधिकाल पर आती है. यानी यह शीत ऋतु के जाने और ग्रीष्म ऋतु के आने का समय है. ऐसे में दो ऋतुओं के संधिकाल में खान-पान का विशेष ध्यान देने की हिदायत दी जाती है. अष्टमी के दिन बासी भोजन का सेवन करने से संधिकाल में होने वाली बीमारियों का खतरा दूर होता है. इसके साथ ही पेट और पाचन तंत्र के लिए इसे फायदेमंद माना जाता है.