Sharad Navratri 2020: देश में मची शारदीय नवरात्रि की धूम, पहले दिन देवी मां के विभिन्न मंदिरों में हाजिरी लगाने पहुंचे भक्त, देखें मनमोहक तस्वीरें और वीडियो
शारदीय नवरात्रि 2020 (Phto Credits: ANI)

Sharad Navratri 2020: हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों में शुमार शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत हो गई है और पूरे देश में इस उत्सव की धूम मची है. 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 उक्टूबर को खत्म होने वाले नवरात्रि उत्सव (Navratri Festival) के दौरान मां दुर्गा (Maa Durga) के 9 स्वरूपों की उपासना की जाती है. भारतीय संस्कृति में देवी को ऊर्जा का स्रोत माना गया है और नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना करने से व्यक्ति के भीतर की ऊर्जा जागृत होती है. नवरात्रि के उत्सव को असत्य पर सत्य की जीत और अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. हालांकि हर साल इस उत्सव को बेहद धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण इसकी रौनक भी बाकी पर्वों की तरह फीकी पड़ गई है, लेकिन भक्तों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं है.

अनलॉक प्रक्रिया के तहद देश में अधिकांश मंदिरों को भक्तों को लिए खोला जा चुका है और बाकी मंदिरों को खोलने की कवायद जारी है. नवरात्रि के पहले दिन माता रानी के विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है. भक्त माता के दरबार में हाजिरी लगाने और उनके दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन देश के विभिन्न देवी मंदिरों से मनमोहक तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं.

काली बाड़ी मंदिर, शिमला

दुर्गा माता मंदिर, पंजाब

काली मंदिर, गोरखपुर

माता वैष्णो देवी, कटरा

देवी पाटन मंदिर, बलरामपुर

वैभव लक्ष्मी और दुर्गा मंदिर, कानपुर

मुंबा देवी मंदिर, मुंबई

झंडेवाला मंदिर, नई दिल्ली

कालका जी मंदिर, नई दिल्ली

कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी

गौरतलब है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है.  कई लोग नवरात्रि में पूरे विधि-विधान के साथ कलश स्थापना (Kalash Sthapana) कर और अखंड ज्योत (Akhnad Jyot) जलाकर देवी का आह्वान करते हैं. फिर पूरे नौ दिन तक व्रत रखकर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करते हैं. नवदुर्गा को समर्पित नवरात्रि (Navratri) का पर्व मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है, इसलिए सदियों से इस उत्सव को लोग मना रहे हैं.