
Shab E Meraj Mubarak 2025 Messages: इसरा (Isra) और मेराज (Mi'raj), जिसे अल इसरा' वल मेराज (Al Isra' wal Miraj) के नाम से भी जाना जाता है, इस्लामी कैलेंडर के सातवें महीने रजब के महीने के 27वें दिन मनाया जाता है. शब-ए-मिराज, इसरा और मिराज या अल-इसरा वल मिराज के नाम से भी जानी जाने वाली रात्रि यात्रा, रजब (इस्लामिक कैलेंडर का 7वां महीना) महीने की 27वीं तारीख को मनाई जाती है. शब-ए-मिराज का शाब्दिक अर्थ है चढ़ाई की रात. यह आयोजन उस रात का जश्न मनाता है, जब पैगंबर (स.अ.व.) मक्का में मस्जिद अल-हरम से स्वर्ग की ओर चढ़े थे. इस रात का एक बड़ा उपहार यह था कि मुसलमानों पर अनिवार्य प्रार्थना (फर्द सलाह) स्थापित की गई थी. हमारे पैगंबर (स.अ.व.) के धन्य जीवन की अन्य घटनाओं और अवसरों की तरह, रात्रि यात्रा पूरी मानवता के लिए प्रेरणा और सबक का एक समृद्ध स्रोत है. यह भी पढ़ें: Shab E Meraj Mubarak 2025 HD Images: शब-ए-मेराज मुबारक! शेयर करें ये WhatsApp Wishes, Greetings और Wallpapers
इसरा और मेराज पैगंबर (स.अ.व.) को अल्लाह से रहस्योद्घाटन प्राप्त होने के लगभग 10-12 साल बाद हुआ. यह पैगंबर (स.अ.व.) के लिए बहुत दुख और शोक का समय था क्योंकि हाल ही में उनकी प्यारी पत्नी खदीजा (र.अ.) और उनके चाचा अबू तालिब की मृत्यु हो गई थी. हालांकि, इस कठिन समय में पैगंबर (स.अ.व.) को इस धन्य यात्रा के माध्यम से अल्लाह के साथ सीधे संपर्क का सम्मान मिला. मेराज की यह चमत्कारी यात्रा दो भागों में हुई. सबसे पहले, पैगम्बर मोहम्मद मक्का (काबा) से यरुशलम (मस्जिद अल-अक्सा) गए और फिर अल्लाह की इच्छा से वे स्वर्ग चले गए.
रात की शुरुआत सभी फ़रिश्तों के नेता जिब्राइल (अ.स.) के पैगम्बर (स.अ.व.) के सामने पेश होने से हुई. इसके बाद, वे मोहम्मद को मस्जिद अल-हरम (काबा) से यरुशलम में मस्जिद अल-अक्सा ले गए. पैगम्बर की यात्रा के इस हिस्से का उल्लेख कुरान में किया गया है.
1. जिसने शाबान के महीने में,
एक बार सूरह इखलास पढ़ी,
अल्लाह उसके पचास साल के गुनाह
बख्श देगा!
शब-ए-मेराज मुबारक

2. रहमतों की है ये रात नमाज़ों का रखना साथ
मनवा लेना रब से हर दुआओं मैं रखना याद मुबारक हो आप को
शब-ए-मेराज

3. अल्लाह आपके हर कदम पर आपके साथ रहे,
आपके हर फैसले में अल्लाह आपका मार्गदर्शन करे.
सभी को शब-ए-मेराज मुबारक

4. शब-ए-मेराज के अवसर पर,
मैं कामना करता हूं कि हम सभी को समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिले.
सभी को शब-ए-मेराज मुबारक.

5. शब-ए-मेराज का अवसर ईशा नमाज के बाद मगरिब जाने और
अल्लाह का आशीर्वाद मांगने के बारे में है.
आपको शब-ए-मेराज की हार्दिक शुभकामनाएं.

जब पैगम्बर ने सिदरत अल-मुन्तहा पार किया, तो उन्हें ईश्वरीय उपस्थिति में पेश किया गया और उन्हें अल्लाह के सबसे करीब पहुंचाया गया, लेकिन पैगम्बर ने अल्लाह को अपनी आंखों से नहीं देखा. मेराज की इस यात्रा के दौरान, पैगम्बर को फरिश्ते जिब्राइल द्वारा जन्नत और जहन्नुम की ओर भी ले जाया गया. इस यात्रा के दौरान, पैगम्बर ने स्वर्ग के निवासियों को मिलने वाली बरकतों को देखा, लेकिन साथ ही उन यातनाओं को भी देखा जो नरक में जाने वाले लोगों पर ढाए जाएंगे.