Sawan Somvar Vrat 2020: इस साल सावन महीने में पड़ रहे हैं पांच सोमवार, जानें भगवान शिव की उपासना के लिए पूजा विधि और महत्व
भगवान शिव (Photo Credits: Facebook)

Sawan Somvar Vrat 2020: भगवान शिव (Lord Shiva) की उपासना के लिए हर सोमवार और त्रयोदशी तिथि को उपयुक्त माना जाता है, लेकिन सावन महीने (Sawan Month) में उनकी उपासना का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. माना जाता है कि सावन का महीना (Shravan Month) भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस महीने भक्त अपने आराध्य की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस साल सावन का महीना और सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई 2020 से शुरु हो रहा है. सबसे खास बात तो यह है कि इस बार सावन महीने में 5 सोमवार पड़ रहे हैं. मान्यता है कि सावन महीने के सोमवार को व्रत रखने और भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चलिए जानते हैं सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा विधि, सामग्री, महत्व और कथा.

सावन 2020 कैलेंडर

सावन महीना 2020- 6 जुलाई 2020 से 3 अगस्त 2020 तक.

पहला सावन सोमवार- 6 जुलाई 2020

दूसरा सावन सोमवार- 13 जुलाई 2020

तीसरा सावन सोमवार- 20 जुलाई 2020

चौथा सावन सोमवार- 27 जुलाई 2020

पांचवा सावन सोमवार- 3 अगस्त 2020

पूजा सामग्री

भगवान शिव की पूजा में जल, दूध, गंगाजल, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, कलावा, जनेऊ, चंदन, रोली, अक्षत, बिल्वपत्र, फूल, आक, धतूरा, पान, सुपारी, लौंग, पंचमेवा, भांग, धूप, दीप इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है.

पूजा विधि

  • शिवलिंग, माता पार्वती, कार्तिकेय, गणेश, नंदी की संयुक्त रूप से पूजा की जानी चाहिए.
  • सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े धारण करें.
  • घर के मंदिर या शिव मंदिर में जाकर आप शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें.
  • शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं और बिल्वपत्र चढ़ाते हुए पूजा करें.
  • पूजन के दौरान पंचामृत, नारियल, धतूरा, फल, फूल, धूप-दीप इत्यादि अर्पित करें.
  • सावन सोमवार व्रत कथा सुनें, शिव चालीसा का पाठ करें और आखिर में आरती उतारे. यह भी पढ़ें: Sawan 2020 Calendar: कब से शुरु हो रहा है भगवान शिव का अतिप्रिय सावन का महीना, जानें सावन सोमवार की तिथियां और इस माह का महत्व

पौराणिक कथा

जब सनत कुमारों ने भगवान शिव से सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तब भोलेनाथ ने बताया कि देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग दिया था और उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया. शरीर त्यागने के बाद उन्होंने हिमालय और रानी मैनावती के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया. शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने युवावस्था में सावन के महीने में निराहार रहकर कठोर व्रत किया और उनके इस तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया.

सावन का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए पूरे सावन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. कई लोग सावन के पूरे महीने व्रत रखते हैं, जबकि कई लोग सावन सोमवार का व्रत रखते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव इस पावन महीने में अपने भक्तों के बीच रहते हैं और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं. कहा जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न होकर उनकी मुरादों की झोली भर देते हैं, इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है.