Sawan Putrada Ekadashi 2021 HD Images: हैप्पी सावन पुत्रदा एकादशी! अपनों संग शेयर करें ये मनमोहक WhatsApp Wishes, Photos, Facebook Greetings और वॉलपेपर्स
सावन पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

Sawan Putrada Ekadashi 2021 HD Images: आज (18 अगस्त 2021) सावन मास (Sawan Maas) के शुक्ल पक्ष की एकादशी का त्योहार मनाया जा रहा है, जिसे सावन पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है पुत्र प्रदान करने वाली एकादशी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से निसंतान दंपत्तियों को संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. पूजन के दौरान भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के बाल स्वरुप की पूजा करते हुए संतान की कामना की जाती है. पूजा के दौरान 'ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।' इस मंत्र का जप किया जाता है. यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप से जुड़ा मंत्र है, जिसमें उनके समान पुत्र पाने की कामना की गई है.

सावन पुत्रदा एकादशी को व्रत रखकर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के बाल स्वरुप की पूजा करने से संतान प्राप्ति का योग बनता है, इसलिए इस एकादशी को बेहद खास माना जाता है. इस खास अवसर पर आप अपनों संग इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फोटोज, फेसबुक ग्रीटिंग्स और वॉलपेपर्स को शेयर करके उन्हें हैप्पी सावन पुत्रदा एकादशी कह सकते हैं.

1- सावन पुत्रदा एकादशी 2021

सावन पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- सावन पुत्रदा एकादशी 2021

सावन पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- सावन पुत्रदा एकादशी 2021

सावन पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- सावन पुत्रदा एकादशी 2021

सावन पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- सावन पुत्रदा एकादशी 2021

सावन पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद घर के पूजा स्थल पर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. पूजन के दौरान श्रीहरि को पीले फूल, फल, पंचामृत और तुलसी दल इत्यादि अर्पित करें. धूप-दीप प्रज्जवलित करके श्रीहरि के साथ श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का पूजन करें और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें. कहा जाता है कि सच्चे मन से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है और इस व्रत के प्रभाव से मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम में स्थान मिलता है.