Saraswati Puja 2023 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान, बुद्धि, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा का पर्व मनाया जाता है, जिसे सरस्वती पूजा (Saraswati Puja), श्री पंचमी (Shri Panchami) और बसंत पंचमी (Basant Panchami) के नाम से जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी के दिन मां सरस्वती (Maa Saraswati) का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. विधि-विधान से पूजा करने पर मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी कृपा से भक्तों को कला, संगीत व शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है. सरस्वती पूजा के दिन को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, इसलिए विद्या आरंभ, शिक्षा या कला से जुड़ी चीजों को शुरु करने का यह सबसे शुभ दिन होता है.
सरस्वती पूजा यानी बसंत पंचमी के दिन अधिकांश लोग विद्या और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं. इस साल 26 जनवरी 2023 को सरस्वती पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है, ऐसे में आप अपनों को बधाई न दें ऐसा कैसे हो सकता है. आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस के जरिए अपनों को शुभ सरस्वती पूजा कह सकते हैं.
1- मां सरस्वती का वरदान हो आपको,
हर दिन नई मिले खुशी आपको,
दुआ हमारी है खुदा से ऐ दोस्त,
जिंदगी में सफलता हमेशा मिले आपको.
शुभ सरस्वती पूजा
2- वीणा लेकर हाथ में,
सरस्वती हो आपके साथ में,
मिले मां का आशीर्वाद आपको हर दिन,
हर बार हो मुबारक आपको,
सरस्वती पूजा का ये दिन.
शुभ सरस्वती पूजा
3- इस बसंत पंचमी मां सरस्वती,
आपको हर वो विद्या दें जो आपके पास नहीं है,
जो है उस पर चमक दें,
जिससे आपकी दुनिया चमक उठे.
शुभ सरस्वती पूजा
4- मां सरस्वती का बसंत है त्योहार,
आपके जीवन में आए सदा बहार,
सरस्वती द्वार आपके विराजे हर पल,
हर काम आपका हो जाए सफल…
शुभ सरस्वती पूजा
5- कमल पुष्प पर आसीत मां,
देती हैं ज्ञान का सागर,
मां कहती कीचड़ में भी कमल बनो,
अपने कर्मों से महान बनो.
शुभ सरस्वती पूजा
गौरतलब है कि बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. इस दिन मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा करनी चाहिए. इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करें, फिर एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें. मां सरस्वती को अब पीले वस्त्र, पीला चंदन, हल्दी-केसर, पीले रंग के अक्षत, पीले पुष्प और पीले रंग की मिठाई अर्पित करके विधिपूर्वक पूजन करें. उनके मंत्रों का जप करें और आखिर में उनकी आरती उतारें.