Sant Guru Kabir Jayanti 2019: आज प्रसिद्ध संत, कवि और समाज सुधारक कबीरदास (Kabirdas) की जयंती है. कबीरदास 15वीं सदी के एक रहस्यवादी कवि और संत थे जिनके लेखन ने लोगों को सदा बहुत प्रभावित किया है. संत गुरु कबीर जयंती हर साल भारत के अलावा विदेशों में भी मनाया जाता है. अपने सरल लेखन के जरिए कबीरदास ने लोगों को जीवन का सही अर्थ बताया.
गुरु कबीर ऐसे संत के रूप में पहचाने जाते हैं जिन्होंने हर धर्म, हर वर्ग के लिए अनमोल सीख दी. कबीरदास की भाषा में हिंदी भाषा की सभी बोलियों की समावेश होता था. लेकिन उनके दोहों में राजस्थानी, हरयाणवी, पंजाबी, खड़ी बोली, अवधी, ब्रजभाषा के शब्दों की बहुलता साफ़ झलकती है.
संत गुरु कबीरदास के कुछ दोहे:
तन मन ताको दीजिए, जाके विषया नाहिं।
आपा सबहीं डारिकै, राखै साहेब माहिं।।
गुरु को कीजै दण्डवत, कोटि कोटि परनाम।
कीट ना जाने भ्रूंग को, गुरु करिले आप समान।।
गोविन्द और गुरु को नमन
दण्डवत गोविन्द गुरु, वन्दौं अब जन सोय।
पहिले भये प्रनाम तिन, नमो जु आगे होय।।
गुरु जो बसै बनारसी, सीष समुंदर तीर।
एक पलक बिसरै नहीं, जो गुण होय सरीर।।
सतगुरु की महिमा अनंत, अनंत किया उपकार।
लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत-दिखावनहार।।
इस साल संत गुरु कबीर जयंती 17 जून को मनाई जा रही है. द्रिक पंचांग (Drikpanchang) के अनुसार, यह संत कबीरदास की लगभग 642 वीं जयंती है. जबकि पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन कबीरदास की जयंती मनाई जाती है.