Sanjeevan Samadhi Sohala Images In Marathi: हर साल की तरह इस साल भी वारकरी और श्रद्धालुओं के लिए संत ज्ञानेश्वर (Sant Dnyaneshwar Maharaj) संजीवन समाधि सोहला (Sanjeevan Samadhi Sohala) की शुरुआत 5 दिसंबर 2023 से हो चुकी है. इस समारोह के अवसर पर 5 से 12 दिसंबर तक आलंदी में कार्तिकी वारी समारोह (Kartiki Vari Festival) का आयोजन किया गया है. बता दें कि 9 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) मनाए जाने के बाद 11 दिसंबर को संजीवन समाधि मनाई जाएगी. संत ज्ञानेश्वर महाराज के संजीवन समाधि समारोह का यह 727वां साल है. इस अवसर पर माऊली के मंदिर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस समारोह में शामिल होने के लिए भारी तादात में वारकरी और भक्तों का सैलाब आलंदी में उमड़ता है. बताया जाता है कि 700 साल पहले विट्ठल ने अपने प्रिय भक्त ज्ञानेश्वर माऊली से वादा किया था कि वो हर साल संजीवन समाधि समारोह में शामिल होंगे.
संत ज्ञानेश्वर महाराज संजीवन समाधि सोहला के आयोजन पर भक्त पंढरपुर से श्री विट्ठल की पादुका सहित पुंडलिक और संत नामदेव की पादुका लेकर आलंदी पहुंचते हैं. मान्यता है कि कार्तिकी वैद्य एकादशी और संत ज्ञानेश्वर महाराज के संजीवन दिवस पर विट्ठल स्वयं आलंदी में उपस्थित रहते हैं. इस अवसर पर आप इन मराठी वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस, एसमएमएस, वॉलपेपर्स के जरिए संत ज्ञानेश्वर महाराज को नमन कर सकते हैं.
1- संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधी सोहळा
निमित्त माऊलींना विनम्र नमन!
2- इंद्रायणी काठी देवाची आळंदी
लागली समाधी ज्ञानेशाची
3- ज्ञानदेव बैसले समाधी
पुढे अजाण वृक्षनिधी
वामभागी पिंपळ आधी
सुवर्णाचा शोभत
4- येथ म्हणे श्रीविश्वेशरावो,
हा होईल दानपसावो।
येणें वरें ज्ञानदेवो, सुखिया झाला।।
5- संत ज्ञानेश्वर माऊलींना कोटी कोटी प्रणाम
गौरतलब है कि संत ज्ञानेश्वर महाराज तेरहवीं सदी के महान संत माने जाते हैं, जिनकी गिनती देश के महान संतों और मराठी कवियों में होती है. संत ज्ञानेश्वर महाराज, संत नामदेव के समकालीन थे और उनके साथ उन्होंने पूरे राज्य का भ्रमण कर लोगों को ज्ञान व भक्ति से परिचित कराते हुए समता और समभाव का उपदेश दिया था. 'ज्ञानेश्वरी' की रचना करने वाले संत ज्ञानेश्वर महाराज का जन्म सन 1275 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित पैठण के पास गोदावरी नदी के किनारे बसे आपेगांव में हुआ था. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्में संत ज्ञानेश्वर के पिता का नाम विट्ठल पंत और माता का नाम रुक्मिणी बाई था.