Rani Lakshmibai Punyatithi 2022 Messages in Hindi: खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी...मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर करने वाली इतिहास की महान वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई (Queen of Jhansi Rani Lakshmibai) की आज यानी 18 जून 2022 को पुण्यतिथि (Rani Lakshmibai Punyatithi) मनाई जा रही है. आखिरी दम तक अंग्रेजों से लोहा लेने वाली रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai) 17 जून 1858 को अपनी आखिरी जंग के लिए तैयार हुई थीं और अंग्रेजों से लड़ते हुए 18 जून को वीरगति प्राप्त की. रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु को लेकर अलग-अलग मत हैं. लॉर्ड केनिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें एक सैनिक ने पीछे से गोली मारी थी, तभी अपने घोड़े के मोड़ते हुए रानी लक्ष्मीबाई ने भी इस सैनिक पर हमला किया था, लेकिन वो उनके वार से बच गया और उसने अपनी तलवार से वध कर दिया था.
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी वीरांगना थीं, जिन्होंने 1857 के विद्रोह की नींव रखी थी. इस विद्रोह के चलते अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई थी. आखिरी दम तक अंग्रेजों से लोहा लेने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर लोग उनकी वीरता और शौर्यगाथा को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. ऐसे में आप भी इन मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप स्टेटस, फोटो एसएमएस के जरिए उन्हें नमन कर सकते हैं.
1- शौर्य और वीरता झलकता है लक्ष्मीबाई के नाम में,
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिसके हाथ में.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन
2- मुर्दों में भी जान डाल दे,
उनकी ऐसी कहानी है,
वो कोई और नहीं,
झांसी की रानी है.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन
3- उखाड़ फेका हर दुश्मन को,
जिसने झांसी का अपमान किया,
मर्दानी की परिभाषा बन कर,
आजादी का पैगाम दिया.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन
4- दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन
5- मैदान-ए-जंग में मरना है,
फिरंगी से नहीं डरना है,
कहती रानी लक्ष्मीबाई
यह वादा पूरा करना है.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन
गौरतलब है कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को बनारस यानी वाराणसी के एक ब्राह्मण मराठी परिवार हुआ था. जन्म के बाद उनका नाम मणिकर्णिका रखा गया था, लेकिन हर कोई उन्हें प्यार से मनु कहकर बुलाता था. उनका विवाह झांसी के नरेश गंगाधर राव नवलकर से हुआ था और विवाह के बाद मणिकर्णिका को लक्ष्मीबाई नाम दिया गया. विवाह के बाद उन्होंने पुत्र को जन्म दिया, लेकिन चार महीने बाद ही उनके पुत्र दामोदर राव का निधन हो गया. अपने पुत्र के निधन के बाद रानी लक्ष्मीबाई और उनके पति गंगाधर राव नवलकर ने अपने चचेरे भाई के बच्चे को गोद लिया और उसे दामोदर राव नाम दिया.