दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ के बाद मुंबई भी रमजान का चांद दिख गया है. रमजान के पाक महीने का चांद दिखने के बाद रोजेदार कल यानी रविवार से रोजा रखेंगे.
#chandmubarak #Ramadan #Mumbai pic.twitter.com/KsgGJOfmZr— Abdulkadir/ अब्दुलकादिर (@KadirBhaiLY) April 2, 2022
दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई के साथ ही रमजान का चांद लखनऊ में भी दिखा, लखनऊ ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि हमने लखनऊ में रमजान का 'चांद' देखा, कल हम पहला 'रोजा' रखेंगे, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं.
We have spotted #Ramdan 'Chand' (moon) in Lucknow, tomorrow we will observe the first 'Roza'. I extend my wishes to everyone: Lucknow Eidgah Imam Maulana Khalid Rasheed Firangi Mahali pic.twitter.com/hBnggsAOrb— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 2, 2022
भारत में दिल्ली, मुंबई, गुजरात, हैदराबाद, चेन्नई शहरों में आज रमजान का चांद दिख गया है. चांद दिखने के बाद जहां लोग कल यानी तीन अप्रैल से पहला रोजा रखेंगे. वहीं आज ईशा के नमाज के बाद लोग तरावीहकी नमाज पढेंगे.
Certificate for new moon.
1 Ramadan = 3 April 2022#RamadanMubarak pic.twitter.com/xTMV8LQqDp— Hijri Date India (@HijriDateIndia) April 2, 2022
दिल्ली, लखनऊ, मुंबई और पटना में आज मगरिब के बाद रमजान का चांद देखने की होगी कोशिश
Ramzan 2022 Moon Sighting in Delhi, Lucknow, Mumbai, Patna Live News Updates: सऊदी अरब, यूएई और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में रमजान का चांद शुक्रवार को नजर आने के बाद आज उन देशों में रमजान का पहला रोजा है. वहीं भारत में दिल्ली, लखनऊ, मुंबई पटना समेत अन्य शहरों में आज मगरिब की नमाज के बाद चांद देखने की कोशिश होगी. भारत में आज रमजान का चांद दिखा तो हिंदुस्तान में रविवार से रोजा रखा जायेगा.
इस्लाम धर्म के मान्यता के अनुसार रमज़ान पाक महीनों में से एक है. रमजान का महीना इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महिना होता है. इस पाक महीने में मुस्लमान का रोजा (उपवास ) 30 दिन तक रखते हैं. आम तौर पर मुसलमान जो रोजा रखते हैं और इस दौरान कोई भी चीज़ के खाने-पीने की मनाई होती है. दिन के अंत में मगरिब की अजान के बाद मुसलमान खुजूर खाकर रोजा इफ्तार करते है, इस तरह से रोजा मुकम्मल होता है.
इस पाक महीने को तीन भागों में बांटा गया है. 10 दिन के पहले भाग को रहमतों का अशरा कहा जाता है. दूसरे 10 दिन के भाग को माफी का अशरा कहा जाता है और आखिरी 10 को जहन्नुम के बचाने का अशरा बोला जाता है. दिन के आखिर में ईशा की नमाज़ के बाद एक खास नमाज अदा की जाती है जिसे तरावीह कहते है. तरावीह सिर्फ यह एक विशेष नमाज होती है. जिसमें पवित्र ग्रंथ कुरान शरीफ को पढ़ा जाता है.
इस पाक महीने में लोग ज्यादा से ज्यादा इबादत करते है और फितर जकात भी देते हैं. ताकि रब उनके गुनाहों को माफ़ फरमा दे.