Rama Navami 2019: 'राम' (Ram) शब्द जितना खूबसूरत दिखता है, उससे ज्यादा महात्म्य इसके उच्चारण में होता है. इससे तन और मन में सकारात्मकता का अहसास होता है. 'राम' नाम की शक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ना जाने कितने ऋषि-मुनि इस नाम को जपते-जपते सद्गति अथवा मोक्ष को प्राप्त हुए. ‘राम’ शब्द अयोध्या (Ayodhya) के दशरथ-पुत्र श्रीराम के पैदा होने से प्रारंभ नहीं हुआ, बल्कि उनके जन्म से पूर्व से ही इस नाम का प्रयोग ‘ईश्वर’ के लिए होता रहा है. कहने का आशय यह कि ब्रह्म, परमेश्वर, ईश्वर आदि की जगह पहले 'राम' शब्द का उपयोग होता था, इसीलिए इस शब्द की महिमा और बढ़ जाती है. कहते हैं कि ‘राम’ से बढ़कर ‘श्रीराम’ का नाम है. यही वजह है कि रामनवमी का दिन अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है. मान्यता है कि श्रीराम के जन्म के दिन भगवान श्रीराम को प्रसन्न करना अपेक्षाकृत ज्यादा आसान होता है.
किंवदंतियां हैं कि श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए ‘श्रीराम’ शब्द का जाप करने से हर मनोरथ पूर्ण होते हैं. हमारे शास्त्र बताते हैं कि ‘श्रीराम’ शब्द में इतनी शक्ति होती है कि हनुमान जी, लक्ष्मण, सुग्रीव और रावण से लेकर कबीर, तुलसी और गांधी तक सभी महापूर्वज ताउम्र राम शब्द का ही जाप करते रहे हैं.
* ‘श्रीराम’ शब्द का जाप करने के अलावा प्रत्येक मंगलवार, शनिवार अथवा रामनवमी एवं हनुमान जयंती के दिन सुबह-दोपहर-हनुमान जी की प्रतिमा पर लगा सिंदूर सीता जी के चरणों में लगाते हुए एक सांस में अपनी मनोकामना मन ही मन श्रीराम से निवेदन करने से मनोकामना पूरी हो जाती है.
* रामनवमी के दिन मां दुर्गा के नवें स्वरूप वाली सिद्धीदात्री की सच्चे ह्रदय से उपासना करें, उन्हें देशी घी का द्वीप प्रज्जवलित करें, ऐसा करने से घर-परिवार की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बरसती है.
* रामनवमी के दिन गरीबों को दान देने अथवा उनकी मदद करने से भी लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं, और सर्वसुविधा सम्पन्नता का आशीर्वाद देती हैं.
* नवरात्रि के दिन सात, नौ अथवा ग्यारह कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने के बाद यथाशक्ति दक्षिणा अथवा उपहार देकर उनके चरण स्पर्श करने से भी घर में सुख, शांति और ऐश्वर्य आता है.
* रामनवमी के दिन हनुमान चालीसा का ग्यारह बार जाप करें, अथवा बजरंग बाण, सुंदरकाण्ड, राम- मंत्र आदि का पाठ करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, घर की तिजोरी पर ‘श्री’ का वास होता है.
* रामनवमी के दिन किसी भी समय ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का जाप करने से सुख-शांति, समृद्धि तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है.
* ‘राम’ नाम गंगा की तरह पवित्र और सरल होता है. पूरे नवरात्रि भर ‘राम’ नाम का जप करने से सारे रोग एवं संकटों से मुक्ति मिलती है. व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह भी पढ़ें- Ram Navami 2019: इस साल पुष्य नक्षत्र में मनाई जाएगी रामनवमी, जानिए इसका महत्व
* किसी दोष विशेष के कारण बेटी के विवाह में अड़चन आ रही है तो इससे पार पाने के लिए निम्न में से किसी एक मंत्र का एक सौ एक बार जाप करें. सारी अड़चनें दूर होती है. मन में इस विश्वास को लेकर कि हमारा मनोरथ श्रीराम अवश्य पूरी करेंगे के साथ तुलसी माला फेरते हुए इस जप को करना चाहिए. ये मंत्र हैं...
'दीनदयालु बिरद सम्भारि, हरहु नाथ मम संकट भारी.
अथवा
मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवऊ सुदशरथ अजिर बिहारी'
* अगर मन में किसी तरह की कामना अथवा मन्नत है तो निम्न चौपाइयों का पाठ करें, सारी उलझने और रुकावटें दूर होंगी.
'सुन सिय सत्य असीस हमारी, पूजहिं मन कामना तुम्हारी.'
* स्वयं अथवा अपनी संतान के यश और सम्मान की प्राप्ति के लिए निम्न मंत्रोचार करने से भी मनोकामना पूरी होती है.
'मुद मंगलमय संत समाजू, जिनि जग जंगम तीरथ राजू.'
ऐसा करने से बचें
* नवरात्रि के नौ दिन असत्य बोलने से बचें.
* इन दिनों मांसाहार से दूर रहें.
* कलश स्थापना करने वाले कोशिश करें कि वे चारपाई पर सोने के बजाय भूमि पर सोयें.
* किसी निरीह जानवर पर अत्याचार नहीं करें.
* माता-पिता का निरादर न करें
रामनवमी का शुभ योग
इस वर्ष चैत्रीय नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी व नवमी साथ में मनाई जाएंगी. अष्टमी के दिन प्रातः सुबह 8.19 बजे नवमी की तिथि लग जायेगी. जो अगले दिन प्रातः 6.04 बजे तक रहेगी. भगवान राम का जन्म पुष्य नक्षत्र में दोपहर 12 बजे हुआ था, इसलिए रामनवमी 14 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से पहले मनाना शुभ रहेगा.