Rajamata Jijabai Death Anniversary 2022 Messages in Hindi: आज यानी 17 जून 2022 को राजमाता जीजाबाई की पुण्यतिथि (Rajmata Jijabai Death Anniversary) मनाई जा रही है. महान मराठा शासक और शूरवीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की माता को साहस, त्याग और बलिदान की देवी कहा जाता है. साहस, त्याग और बलिदान से भरा जीवन जीने वाली राजमाता जीजामाता (Rajmata Jijabai) ने अपने जीवन की समस्त कठिनाइयों और चुनौतियों का डटकर सामना किया. राजमाता जीजाबाई ने ही अपने पुत्र शिवाजी महाराज को बचपन से तलवारबाजी, भाला चलाने, युद्ध कौशल और घुड़सवारी की शिक्षा दी थी. इतना ही नहीं उन्होंने अपने पुत्र को एक कुशल योद्धा बनाने में भी अहम भूमिका निभाई.
शाहजी भोसले की पत्नी और छत्रपति शिवाजी महाराज की मां राजमाता जीजाबाई को जीजाई और जीजाऊ के नाम से भी जाना जाता है. शिवाजी को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा देने वाली माता जीजाई उन्हें महाकाव्य रामायण और महाभारत की कहानियां भी सुनाया करती थीं, जिसके चलते शिवाजी महाराज में वीरता, धर्मनिष्ठा, धैर्य और मर्यादा जैसे गुणों का विकास हुआ. माता जीजाई की पुण्यतिथि पर आप इन मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, इमेजेस, जीआईएफ, कोट्स के जरिए उन्हें याद कर सकते हैं.
1- अपने पुत्र को देशभक्त और वीर योद्धा बनाया,
शिवाजी को धर्म और देश के मान की रक्षा के लिए प्रेरित किया,
हिंदवी स्वराज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया,
उस महान वीरांगना की पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन.
राजमाता जीजाबाई को नमन
2- मां वास्तव में संतान की पहली गुरु होती है,
यह सिद्ध किया है राजमाता जीजाबाई ने…
राजमाता जीजाबाई को नमन!
3- छत्रपति शिवाजी महाराज की जननी,
राजमाता जीजाबाई का सारा जीवन,
साहस और त्याग से परिपूर्ण रहा,
इस वीरांगना को कोटि-कोटि नमन.
राजमाता जीजाबाई को नमन!
4- जिनके संरक्षण में शिवाजी महाराज ने,
मराठों की गौरवशाली गाथा लिखी,
वो कोई और नहीं राजमाता जीजाबाई हैं…
राजमाता जीजाबाई को नमन!
5- मराठा साम्राज्य के गौरव छत्रपति शिवाजी महाराज की,
जन्मदात्री राजमाता जीजाबाई की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि.
राजमाता जीजाबाई को नमन!
गौरतलब है कि शिवाजी महाराज को महान योद्धा और महान मराठा शासक बनाने में माता जीजाऊ का अहम योगदान रहा है. वो मराठा साम्राज्य की स्थापना और मराठा साम्राज्य की नींव को मजबूत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भी जानी जाती हैं. जीजामाता का निधन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के कुछ समय बाद 17 जून 1674 को हुआ था. वो महाराष्ट्र के इतिहास की एक ऐसी वीरांगना रही हैं, जिन्होंने अपने पुत्र शिवाजी को छत्रपति बनाने और मराठा साम्राज्य की स्थापना के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था.