Rajab 2023: रज्जब अथवा रज्जब-उल मुरज्जब इस्लामिक कैलेंडर का सातवां महीना कहलाता है. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुस्लिम समाज इस सप्ताह से रज्जब महीने की शुरुआत करेंगे. इन देशों के विभिन्न हिस्सों में रुएत-ए-हिलाल समितियां रजब चांद देखने की कोशिश की. हालांकि चंद्रमा नहीं दिखा. यहां बता दें कि रजब महीने की शुरुआत के आधार पर ही शब-ए-मेराज की तारीख सुनिश्चित की जाती है.
मुस्लिम धर्म में सभी त्योहार एवं महत्वपूर्ण घटनाएं इस्लामी कैलेंडर अथवा हिजरी कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होते हैं. इस्लामिक कैलेंडर चंद्र चक्र पर आधारित होते हैं. इसमें 12 महीने एवं 354 अथवा 355 दिन होते हैं, क्योंकि चंद्र चक्र आमतौर पर प्रति माह 30 या 31 दिनों के बजाय 29 या 30 दिनों तक होता है. वर्तमान माह के 29वें दिन चंद्रमा के दर्शन के बाद एक नया महीना शुरू होता है. अगर चंद्रमा दिखता नहीं है तो वर्तमान माह के 30 दिन पूरे होने के बाद एक नया महीना शुरू होता है.
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रज्जब 2023 की तिथियां!
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों के लिए, 22 जनवरी का दिन इस्लामिक कैलेंडर के छठे महीने जुमदा अल-अखिरा का 29वां दिन था. चांद देखने के लिए रुएत-ए-हिलाल कमेटियां इकट्ठी हुई. लेकिन चांद के दीदार नहीं हुए. इसलिए जुमदा अल-अखिरह को आज 30 दिन पूरे हो जाएंगे. इसके बाद भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रजब 2023 अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 24 जनवरी से शुरू हुआ माना जायेगा. गौरतलब है कि सऊदी अरब और मध्य पूर्व के अन्य कई देशों में रज्जब 23 जनवरी 2023 से शुरू हो चुका है.
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, सऊदी अरब में शब-ए-मेराज 2023 की तिथियां
बता दें कि शब-ए-मेराज रजब महीने के 27वें दिन मनाया जाता है. लैलत अल मिराज और इसरा को मिराज के नाम से भी जाना जाने वाला शब-ए-मेराज का विशेष महत्व रखता है. शब-ए-मेराज मक्का से पैगंबर मोहम्मद की यात्रा को दर्शाता है, जिसे कुरान ‘यरूशलेम में सबसे दूर की मस्जिद’ के रूप में दर्शाता है, जहां से उसने स्वर्ग में कदम रखा था. इसरा और मेराज ‘पवित्र’ यात्रा के दो भाग हैं. यह इस्लामी शास्त्रों के अनुसार, रजब महीने के 27 वें दिन होता है. चूंकि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रजब 24 जनवरी से शुरू हो चुका है, इसलिए शब-ए-मेराज 19 फरवरी को मनाया जाएगा. सऊदी अरब में यह 18 फरवरी को पड़ेगा.