Public Holiday On Jashne Eid Milad Un Nabi 2024: क्या 16 September यानी ईद मिलाद-उन-नबी के दिन भारत में सार्वजनिक छुट्टी है
मुसलमानों के लिए ईद-ए-मिलाद-उन-नबी एक अनमोल त्योहार है, जिसे पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के जश्न के तौर पर मनाया जाता है. यह भारत का एक गैजेटेड अवकाश है. इस साल 16 सितंबर 2024 को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर भारत में सभी सरकारी दफ्तर, न्यायालय, बैंक और स्कूल से लेकर सभी शिक्षण संस्थाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी यानी 16 सितंबर को भारत में सार्वजनिक अवकाश होगा.
Public Holiday On Jashne Eid Milad Un Nabi 2024: इस्लाम धर्म में रबी-उल-अव्वल (Rabi-ul-Awal) महीने की 12 तारीख को मिलादुन्नबी के दिन ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid Milad Un Nabi) का त्योहार मनाया जाता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तारीख को इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब (Prophet Muhammad Sahib) का मक्का में जन्म हुआ था. कहा जाता है कि उन्हें अल्लाह ने एक अवतार के रूप में भेजा था. पैगंबर मोहम्मद के वालिद अब्दुल्ला बिन अब्दुल मुतलिब थे, जबकि वालेदी आमेना थीं. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12 तारखी को पैगंबर मोहम्मद के जन्मोत्सव के तौर पर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाई जाती है, जो इस साल 16 सितंबर 2024 को पड़ रही है. ऐसे में सवाल है कि क्या इस साल 16 सितंबर यानी ईद-मिलाद-उन-नबी के दिन भारत में सार्वजनिक छुट्टी है, आइए जानते हैं.
क्या ईद मिलाद-उन-नबी को भारत में है सार्वजनिक छुट्टी?
मुसलमानों के लिए ईद-ए-मिलाद-उन-नबी एक अनमोल त्योहार है, जिसे पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के जश्न के तौर पर मनाया जाता है. यह भारत का एक गैजेटेड अवकाश है. इस साल 16 सितंबर 2024 को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर भारत में सभी सरकारी दफ्तर, न्यायालय, बैंक और स्कूल से लेकर सभी शिक्षण संस्थाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी यानी 16 सितंबर को भारत में सार्वजनिक अवकाश होगा. यह भी पढ़ें: Jashne Eid Milad Un Nabi 2024 Naat: नूर वाला आया है से लेकर सरकार की आमद मरहबा तक ईद मिलाद-उन-नबी की लोकप्रिय नात!
कहा जाता है कि समाज में जब अंधकार फैला था और लोग धर्म के मार्ग से भटक रहे थे, तब बुराई को खत्म करने के लिए अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद साहब को धरती पर भेजा था, इसलिए इस दिन उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन घर से लेकर मस्जिद सजाए जाते हैं. इस खास मौके पर लोग दरगाह जाते हैं और हजरत मोहम्मद साहब के संदेश पढ़ते हैं. इसके साथ ही जगह-जगह पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.