Pohela Boishakh 2024 Wishes & Bangla Noboborsho 1431 Images: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बैसाख महीने (Vaishakh) के पहले दिन नए साल का जश्न मनाया जाता है, जिसे पोइला बैसाख (Poila Baisakh) या पोहेला बोइशाख (Pohela Boishakh) के नाम से जाना जाता है. पश्चिम बंगाल के अलावा त्रिपुरा, असम और बांग्लादेश में भी इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. बंगाली युग की शुरुआत का श्रेय प्राचीन बंगाल के राजा शोशंगको को दिया जाता है. बंगाली समुदाय के लोग बैसाख यानी वैशाख के महीने को काफी शुभ मानते हैं, इसलिए इस दिन नया मकान लेना, शादी-ब्याह, मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्यों को करना काफी अच्छा माना जाता है. इस दिन जगह-जगह पर मेले का आयोजन किया जाता है. पोइला बैसाख के दिन इस समुदाय के लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं. स्नानादि से निवृत्त होकर नए वस्त्र धारण कर सुबह सूर्य देव को प्रणाम करते हैं, फिर घरों और मंदिरों में भगवान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.
पोइला बैसाख के दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई अपने घर के बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों और करीबियों को मिठाई व अन्य उपहार देते हैं. इसके साथ ही बंगाली में शुभो नोबो बोरसो कहकर नए साल की बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी पोइला बैसाख के ये शानदार विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी वॉलपेपर्स को शेयर कर बंगाली में शुभो नोबो बोरसो 1431 की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
নতুন সুরে নতুন গান,
নতুন জীবনের নতুন আলো,
নতুন বছর কাটুক ভালো।”
শুভ নববর্ষ
স্বপ্ন গুলো সত্যি করে খুব ভালো থেকো।
তুমি কি শুনেছো ভ্রমরেরা আজ গাইছে নতুন মনে,
গুনগুন রবে আজি আমি বলি তাদের-ই মতন করে
নববর্ষের শুভেচ্ছা ও ভালোবাসা রইল তোমার-ই তরে।।
চৈত্র রাতের শেষ লগনে,
নতুন আশা উঠুক জেগে,
বৈশাখের এই শুভক্ষণে।
শুভ নববর্ষ।।
बंगाली नव वर्ष के पहले दिन व्यापारी वर्ग के लोग अपने नए बही-खाते की शुरुआत करते हैं. इस दिन पुआल जलाया जाता है, ऐसी मान्यता है कि इससे सारे पाप और कष्ट जलकर समाप्त हो जाते हैं. इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. घरों में पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं- जैसे प्याज, हरी मिर्च वाली हिल्सा मछली, जिसे पांत-भात कहा जाता है. इन व्यंजनों के अलावा रसोगुल्ला और विभिन्न प्रकार के छेने की मिठाइयां बनाई जाती हैं. अच्छी बारिश की कामना से इस दिन किए जाने वाले अनुष्ठानों में बादलों की पूजा भी शामिल है.