Parshuram Jayanti Messages 2022: इस साल पूरे देश में 3 मई 2022 को परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti 2022) मनाई जाएगी. हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान परशुराम को इस ग्रह पर विष्णु के छठे अवतार के रूप में परिभाषित किया गया है. परशुराम जयंती भगवान परशुराम की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है. भगवान परशुराम का जन्म बैसाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, यानी अक्षय तृतीय (Akshaya Tritiya) में हुआ था, वे राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और भृगु के वंश के जमदग्नि ऋषि के पुत्र थे. परशुराम को भगवान शिव के प्रति उनकी निर्विवाद भक्ति के लिए जाना जाता है, परशुराम को उनके अपार ज्ञान और तोप बनाने के कौशल के लिए भी जाना जाता है. यह भी पढ़ें: Parshuram Jayanti Greetings 2022: परशुराम जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers के जरिए भेजकर दें बधाई
किंवदंतियों के अनुसार, उन्होंने सच्चाई के लिए 21 बार बड़े युद्ध लड़े. भगवान राम के ग्रह पर आने से पहले ही, अमर परशुराम भगवान विष्णु के अवतार के रूप में इस ग्रह पर आ गए थे. चूँकि अक्षय तृतीया को अमर परशुराम का जन्म हुआ था, इस तृतीया तिथि को "चिरंजीवी तिथि" भी कहा जाता है, चिरंजीवी का मतलब है 'अमर' पितृसत्ता के सच्चे अनुयायी, परशुराम एकमात्र प्राचीन चरित्र हैं जो श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार जीवन और मृत्यु के चक्र से परे हैं. परशुराम प्राचीन काल के इंजीनियर, कलात्मक और भौतिक बुनियादी ढांचे के वास्तुकार हैं. परशुराम जयंती पर अपने प्रियजनों के साथ शेयर करें परशुराम जयंती विशेज, परशुराम जयंती स्टेटस और प्रेरक परशुराम जयंती मैसेजेस.
1- परशुराम हैं प्रतीक प्यार का,
राम हैं प्रतीक सत्य सनातन का,
इस प्रकार परशुराम का अर्थ है,
पराक्रम के कारक और सत्य के धारक.
परशुराम जयंती की शुभकामनाएं
2- गुरु हैं वो अंतःकरण के,
अंतर जाने अनंत और मरण के,
नमन करता सारा संसार जिसे,
बने जल भी अमृत उनके चरण के.
परशुराम जयंती की शुभकामनाएं
3- शांत है तो श्रीराम हैं,
भड़क गए तो परशुराम हैं,
जय श्री राम...
जय श्री परशुराम...
परशुराम जयंती की शुभकामनाएं
4- आओ सब मनाएं परशुराम जयंती,
लेकर प्रभु का नाम करें गुणगान,
मांगे आशीष श्री परशुराम जी से,
जप कर उनका नाम...
परशुराम जयंती की शुभकामनाएं
5- शस्त्र और शास्त्र दोनों ही हैं उपयोगी,
यही पाठ सिखा गए हैं हमें योगी,
जय श्री परशुराम....
परशुराम जयंती की शुभकामनाएं
भारतीय उपमहाद्वीप के सभी प्राचीन गाँव और कस्बे उनकी योजना और कला के अनुसार बने हैं. खुदाई के दौरान समुद्र के बीच में मिले प्राचीन नगरी द्वारिका के वर्तमान अवशेष और इसकी प्रासंगिक और वैज्ञानिक संरचना भी प्राचीन काल से वैज्ञानिक विकास में परशुराम के योगदान की व्याख्या करती है. इस अमर परशुराम की कृपा से हम सभी के जीवन में सत्य और कला कौशल का विकास हो, सभी को परशुराम जयंती की शुभकामनाएँ!