Parshuram Jayanti Greetings 2022: परशुराम जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers के जरिए भेजकर दें बधाई
Parshuram Jayanti 2022 (Photo Credits: File Image)

Parshuram Jayanti Greetings 2022: परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti 2022) हिंदू कैलेंडर में वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है जो भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती मनाने के लिए मनाया जाता है. भगवान परशुराम, जिन्हें अमर माना जाता है, ऋषि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र हैं. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन भगवान विष्णु ने अपना छठा अवतार परशुराम के रुप में लिया था. भगवान विष्णु का ये अवतार आवेशावतार माना जाता है. कहा जाता है कि क्षत्रियों के घमंड को तोड़ने के लिए परशुराम ने उनका 21 बार संहार किया था. यह भी पढ़ें: Parshuram Jayanti Messages 2022: परशुराम जयंती पर ये हिंदी मैसेजेस WhatsApp Stickers और HD Wallpapers के जरिए भेजकर दें शुभकामनाएं

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को परशुराम जयंती को देश के अलग-अलग हिस्सों में खास रूप में मनाया जाता है. इस बार ये तिथि 3 मई दिन मंगलवार को सुबह 05 बजकर 18 मिनट से शुरु हो रही है. ये तिथि अगले दिन यानी कि 4 मई, बुधवार को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदयातिथि के आधार पर 3 मई को परशुराम जयंती मनाई जाएगी क्योंकि इस दिन अक्षय तृतीया भी है. माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कभी समाप्त नहीं होता. इस शुभ दिन पर अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के लिए यहां कुछ शुभकामनाएं, मैसेजेस, विशेज, एसएमएस, व्हाट्सएप और फेसबुक स्टेटस दिए गए हैं, जिन्हें भेजकर आप परशुराम जयंती कि बधाई दे सकते हैं.

1- परशुराम जयंती की हार्दिक बधाई

Parshuram Jayanti 2022 (Photo Credits: File Image)

2- परशुराम जयंती की शुभकामनाएं

Parshuram Jayanti 2022 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ परशुराम जयंती

Parshuram Jayanti 2022 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी परशुराम जयंती

Parshuram Jayanti 2022 (Photo Credits: File Image)

5- परशुराम जयंती 2022

Parshuram Jayanti 2022 (Photo Credits: File Image)

मूल रूप से उनका नाम राम था. लेकिन, परशु नामक हथियार के कारण उन्हें परशुराम के नाम से जाना जाने लगा, जो उन्हें भगवान शिव ने दिया था. परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार उनका जन्म अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन हुआ था, जिसे उनके जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. व्रत और अन्य धार्मिक कार्य करना सदियों से इस दिन का ट्रेडमार्क रहा है. उनका जन्म क्षत्रियों के अभिमान से दुनिया को मुक्त करने के लिए हुआ था. द्रोणाचार्य को परशुराम ने शिक्षा दी थी.