Nirjala Ekadashi 2022 HD Images: हैप्पी निर्जला एकादशी! प्रियजनों को भेजें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और Wallpapers
निर्जला एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

Nirjala Ekadashi 2022 HD Images: हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत रखा जाता है, जिसे भीससैनी एकादशी (Bhimseni Ekadashi) भी कहा जाता है. साल में रखी जाने वाली कुल 24 एकादशी व्रतों में इस व्रत को सबसे कठिन और उत्तम फलदायी माना जाता है. आज यानी 11 जून को निर्जला एकादशी मनाई जा रही है. इस दिन भक्त जल ग्रहण किए बिना ही दिन भर निर्जल व्रत रखकर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आराधना करते हैं, फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद इस व्रत का पारण करने के बाद ही जल ग्रहण किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से साल की सभी 24 एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है और भक्तों को श्रीहरि की विशेष कृपा मिलती है.

निर्जला एकादशी का पहला नियम यही है कि इस दिन व्रतियों को जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है. निर्जला एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, ऐसे में आप इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ और वॉलपेपर्स को भेजकर अपने प्रियजनों को बधाई दे सकते हैं.

1- निर्जला एकादशी की हार्दिक बधाई

निर्जला एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

2- निर्जला एकादशी की शुभकामनाएं

निर्जला एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

3- निर्जला एकादशी 2022

निर्जला एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

यह भी पढ़ें: Nirjala Ekadashi Vrat 2022: कठिन है निर्जला एकादशी व्रत! लेकिन नियमबद्ध व्रत-पूजा हर एकादशियों का पुण्य फल दिलाती है, जानें क्या हैं नियम?

4- हैप्पी निर्जला एकादशी

निर्जला एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

5- शुभ निर्जला एकादशी 

निर्जला एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि भारत में एकादशी व्रत करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. महाभारत काल में महर्षि वेदव्यास जी ने भीम को इस व्रत की महिमा बताई थी और भीम ने इस व्रत को किया था, इसलिए इसे भीमसैनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत विधिवत करने से भक्तों के सभी पाप मिट जाते हैं और भगवान विष्णु के कृपा से उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इतना ही नहीं इस व्रत के प्रभाव से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.