Navratri 2020: वृक्षारोपण (Plantation) से ऊर्जा की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही घर में सकारात्मकता भी आती है. नवरात्रि (Navratri) पर मां भगवती के निमित्त कलश स्थापना (Kalash Sthapana) के समय जौ बोने की पुरानी परंपरा है. इसके पीछे पर्यावरण तो वजह है ही साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि जौ के पौधे की ग्रोथ से आपकी समृद्धि और शुभता को जोड़ा जाता है. कुछ पुष्प और पौधे मां दुर्गा (Maa Durga) को विशेष प्रिय हैं. ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में इन नौ पौधों को बोने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है. यहां कुछ ऐसे ही पौधों की बात हम करने जा रहे हैं, जिसका आध्यात्मिक महत्व है और ये आपकी किस्मत बदल सकते हैं.
1- जवा कुसुम (गुड़हल)
नवरात्रि के अवसर पर जवा कुसुम के पौधे लगाना शुभता का प्रतीक माना जाता है. इसे गुड़हल भी कहते हैं. यह मां दुर्गा का सर्वाधिक प्रिय फूल होता है. यूं तो जवा कुसुम की कई वैरायटी होती हैं, लेकिन मां भगवती को सबसे प्रिय रक्त वर्ण वाला जवा कुसुम फूल होता है. हांलाकि मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग का गुड़हल बहुत प्रिय है, इसलिए रक्त वर्ण वाले जवा कुसुम के साथ-साथ सफेद गुड़हल का फूल लगाने से मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं. गुड़हल का फूल कटिंग से लगाया जाता है. एक बार लगाया गया गुड़हल वर्षों तक फूल देता है.
2- तुलसी
तुलसी का पौधा बहुत शुभ माना जाता है. भगवान की पूजा के साथ प्रतिदिन इनकी भी पूजा की जाती है, इसलिए अधिकांश घरों में तुलसी का पौधा मिल जाता है. तुलसी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि नास्तिक भी इसे अपने घरों में लगाते हैं, क्योंकि सकारात्मक ऊर्जा का इससे बेहतर स्त्रोत किसी और पौधे में नहीं मिलता. यह भगवान विष्णु की सबसे प्रिय मानी जाती हैं. अगर आपके घर तुलसी का पौधा पहले से मौजूद है तो ठीक है, वरना आप नवरात्रि में इसे अवश्य लगाएं. पौराणिक ग्रंथों में भी तुलसी का उल्लेख मिलता है. यह महज आध्यात्मिक उपयोग के लिए नहीं होता, बल्कि इसके तमाम औषधीय गुण भी होते हैं. आप इसे गमले में भी लगा सकते हैं. यह भी पढ़ें: Navratri 2020: शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जप, जीवन में आएगी सुख-समृद्धि और खुशहाली
3- विल्व पत्र यानी बेल का पत्ता
विल्व पत्र को कई नामों से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर मां को आमंत्रण देने के लिए बेल के पेड़ के पास जाकर मां भगवती का आह्वान किया जाता है. बेल एक बड़ा वृक्ष होता है, लेकिन आप इसे गमले में भी बो सकते हैं, बस साल में एक बार इसकी ट्रिमिंग अवश्य करनी होती है. हांलाकि इसकी कटिंग भी लगाई जाती है और बीज भी बोया जाता है, मगर फिलहाल तो इसे नर्सरी से खरीद कर लगाना ही बेहतर होगा. बेल केवल पूजा में ही नहीं चढ़ाया जाता, बल्कि यह एक आयुर्वेदिक औषधि भी है.
4- परिजात
नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ-साथ हम भगवान श्रीराम को उनके विजय दिवस के रूप में भी याद करते हैं. इसलिए नवरात्रि में आपको पारिजात का पौधा भी लगाना चाहिए. इसे शिवली और हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है. इसकी भी कटिंग लगाई जाती है, मगर बीज से इसे आसानी से बोया जाता है. इसे लगाना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा और भगवान श्रीराम एक बार परिजात के समक्ष जरूर आते हैं. परिजात फूलों के नारंगी डंठलों से फूड कलर भी बनाया जाता है.
5- नीम
वृक्षों में नीम का पेड़ कड़वा होने के बावजूद इसकी सर्वाधिक सर्वाधिक उपयोगिता बताई जाती है. एकमात्र यही पेड़ है जिसकी जड़ से लेकर तना, छाल, फल, फूल, बीज एवं पत्तियों तक का सेहत और सौंदर्य के लिए बहुतायत उपयोग किया जाता है. हमारे लोकगीतों अकसर इस बात का जिक्र होता है कि मां भगवती को सोने-चांदी का झूला नहीं बल्कि नीम के पेड़ पर लगा झूला सबसे ज्यादा प्रिय है. नीम का बड़ा वृक्ष होता है, मगर आप चाहें तो इसे गमले में भी लगा सकते हैं. इसका बोनजाई भी बनाकर घर पर रख सकते हैं. मान्यता है कि जिस घर में नीम का वृक्ष लगा होता है, वहां कभी कोई बीमारी नहीं आती साथ ही सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.
6- सेवंती या गुलदाउदी
सेवंती या गुलदाउदी के पुष्प भी मां दुर्गा को बहुत पसंद है. इन फूलों से मां दुर्गा की खास पूजा भी की जाती है, जिससे मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है. गुलदाउदी में काफी सारी वैरायटी उपलब्ध है, आप बैंगनी, लाल और सफेद रंग के गुलदाउदी मां दुर्गा को अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि ये कलर मां के प्रिय कलर होते हैं. इसे कटिंग से लगाया जा सकता है लेकिन इसके बीज भी लगाये जा सकते हैं.
7- दूर्वा
लगभग सभी देवी-देवता की पूजा एवं अनुष्ठान के समय चढ़ाया जाने वाला बहुत काम का घास है. श्रीगणेश भगवान का तो सबसे प्रिय वनस्पति माना जाता है दुर्वा को. इसे नवरात्रि में अवश्य लगाएं. अगर आपके पास जमीन है तो जमीन पर लगाइये या फिर गमले में लगा सकते हैं. यह भी पढ़ें: Navratri 2020 Colours Calendar For 9 Days: शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जानें किस दिन पहनें किस रंग के कपड़े
8-अपराजिता
मां दुर्गा का एक नाम अपराजिता भी है. अपराजिता लतरों में उगती है और बहुत आसानी से लगाई जा सकती है. यह दो रंगों में होती है, नीला और सफेद. इसे शंखपुष्पी और विष्णुकांता के नाम से भी जाना जाता है. अपराजिता सिंगल परत के अलावा डबल परत में भी मिलता है. डबल परत वाला अपराजिता ज्यादा सुंदर दिखता है. दोनों ही रंगों के अपराजिता के पुष्प मां दुर्गा को बहुत प्रिय है, इसलिए इस नवरात्रि में किसी भी एक दिन इस पौधे का रोपण अवश्य करनी चाहिए. ऐसा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा बरसती है. अपराजिता के फूल न केवल पूजा में चढ़ाए जाते हैं बल्कि इसे ब्रेन टॉनिक भी कहते हैं. इन फूलों को उबाल कर उसका पानी बच्चों को पिलाया जाये तो बच्चों का दिमाग का विकास होता है.
9- पान
पान एक ऐसा पौधा है, जिसका प्रयोग हर धार्मिक प्रकाण्डों में किया जाता है. इसे पूजा के प्रारंभ और अंत दोनों प्रयोग किया जाता है. नवरात्रि पूजा के दसवें दिन हवन से पूर्व मां दुर्गा को पान का भोग लगा कर ही उनकी विदाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है. अगर आपके पास पान का पौधा नहीं है तो नवरात्रि के किसी भी दिन पान का पौधा अवश्य लगा लीजिये. यह बहुत शुभ होता है. इसे गमले में लगाया जा सकता है. चूंकि यह इनडोर प्लांट है, अतः इसे घर-आंगन के भीतर भी लगाया जा सकता है.