Nag Panchami 2024 Messages in Hindi: हिंदू धर्म में सावन मास (Sawan Maas) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाने वाली नाग पंचमी (Nag Panchami) का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन महादेव के प्रिय आभूषण नाग देवता (Nag Devta) और सांपों (Snakes) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक आज (09 अगस्त 2024) देशभर में नाग पंचमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से आध्यात्मिक शक्ति, अपार धन और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. नाग पंचमी के दिन महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं और सांपों को दूध अर्पित करती हैं. इस दिन भारत, नेपाल और हिंदू आबादी वाले अन्य दक्षिण एशियाई देशों में नागों की पारंपरिक तौर पर पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन कालसर्प दोष को शांत करने के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं.
अगर कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है तो इस दिन नाग देवता की पूजा करने से राहु-केतु शांत होते हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार, नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से लोगों को सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है, इसलिए लोग लोग नाग देवता की पूजा करते हैं, साथ ही एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और एचडी इमेजेस को भेजकर दोस्तों-रिश्तेदारों को हैप्पी नाग पंचमी विश कर सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के आठ नाग देव माने गए हैं, इसलिए इस दिन अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की उपासना की जाती है. एक प्रचलित कथा के अनुसार, तक्षक सांप के काटने से हुई अपने पिता परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए राजा जनमेजय नागों की पूरी जाति को नष्ट करने के लिए यज्ञ करते हैं, लेकिन ऋषि आस्तिक जनमेजय को जिस दिन यह यज्ञ करने से रोकते हैं, उस दिन सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी, इसलिए इस दिन पूरे देश में नाग पंचमी मनाई जाती है.
इस पर्व से जुड़ी एक अन्य प्रचलित मान्यता के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग का मान-मर्दन करके उसे यमुना नदी को छोड़कर समुद्र में जाने पर मजबूर कर दिया था, इसलिए इस दिन नाग पंचमी मनाई जाती है. गौरतलब है कि महाभारत के अलावा, नारद पुराण, स्कंद पुराण और रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों में सांपों से जुड़ी कई कथाएं सुनने को मिलती हैं.