Monkey Day 2020: क्यों मनाया जाता है मंकी डे? जानें बंदरों को समर्पित इस दिवस का इतिहास और महत्व
बंदर दिवस 2020 (Photo Credits: File Image)

Monkey Day 2020: बंदरों के प्रति जागरुकता (Awareness about Monkeys) बढ़ाने के लिए 14 दिसंबर को मंकी डे यानी बंदर दिवस (Monkey Day) मनाया जाता है. जी हां, यह साल का एक ऐसा दिन है जो बंदरों (Monkeys) को समर्पित है. हालांकि इस दिवस को यूएन द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया है, फिर भी कई देशों में इस दिवस को मनाया जाता है. मंकी डे को शुरू करने का सारा श्रेय केसी सॉरो और एरिक मिलीकिन को जाता है. उन्होंने ही इस दिवस की शुरुआत की ताकि लोगों के मन में जानवरों के प्रति प्यार जाग सके और लोग इस प्रजाति के प्रति जागरूक हो सकें. मंकी डे को अंतरराष्ट्रीय बंदर दिवस (International Monkey Day) के रूप में भी जाना जाता है. इस दिवस को मनाने के पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं. चलिए जानते हैं बंदर दिवस की तिथि, इतिहास और इसका महत्व.

मंकी डे 2020 तिथि

अंतरराष्ट्रीय बंदर दिवस हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है. इस साल यह दिवस आज यानी सोमवार को मनाया जा रहा है. इस साल विश्व बंदर दिवस की 20वीं वर्षगांठ है.

मंकी डे का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय बंदर दिवस मनाने की शुरुआत कंटेम्पररी आर्टिस्ट केसी सॉरो (Casey Sorrow) और एरिक मिलीकिन (Eric Millikin) ने की थी. उन्होंने एक बार 14 दिसंबर को अपने एक दोस्त के कैलेंड पर बंदर दिवस की छुट्टी के रूप में चिह्नित किया था. हालांकि उन्होंने यह सब मजाक में किया था, लेकिन उनका यह विचार कुछ ही समय में वायरल हो गया और उनकी कलाकृतियों और चित्रों ने इसे आगे बढ़ाया. तब से भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा सहित 15 से अधिक देशों ने 14 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय बंदर दिवस मनाना शुरु कर दिया. यह भी पढ़ें: World Wildlife Conservation Day 2020: विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस आज, जानें दुनिया के 7 लुप्तप्राय जानवरों से जुड़ी रोचक बातें

मंकी डे का महत्व

बंदरों को जानवरों के साम्राज्य में सबसे कुख्यात प्रजातियों में से एक माना जाता है. उनका हमारे आस-पास होना मजेदार हो सकता है. हालांकि बंदरों पर हमले, उनकी तस्करी इत्यादि ऐसे मुद्दे हैं जो उनके जीवन को बाधित करते हैं, इसलिए इस दिन इस प्रजाति के प्रति लोगों का जागरूक किया जाता है, ताकि वे इन जानवरों के प्रति अपना प्यार जता सकें.

इस दिन दुनिया भर के चिड़ियाघरों के अलावा कई जगहों पर बंदरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यूरोप के देश एस्टोनिया के टालिन्न चिड़ियाघर में इस दिन चिंपैजी द्वारा बनाई गई पेंटिंग बेची जाती है. भारत में इंदिरा गाधी जूलोजिकल पार्क में इस दिन बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें उन्हें जंगल और जंगली जानवरों के बारे में जानकारी दी जाती है.