Makar Sankranti 2024 Wishes in Hindi: मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को नए साल का पहला त्योहार और हिंदू धर्म में फसलों के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक माना जाता है. ग्रहों के राजा सूर्यदेव (Suryadev) और अग्निदेव (Agnidev) को समर्पित इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ देशभर में मनाया जाता है. हालांकि इस पर्व को देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोग अलग-अलग नामों और अपनी स्थानीय परंपराओं के अनुसार मनाते हैं. इस साल मकर संक्रांति का यह पावन पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जा रहा है. इसे सर्दियों के मौसम के अंत के प्रतीक के तौर पर भी देखा जाता है, क्योंकि मकर संक्रांति से ही दिन बड़े और रातें छोटी होनी शुरु हो जाती हैं. इस त्योहार को रबी की फसलों की कटाई की खुशी में मनाया जाता है तो इसी दिन भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण (Uttarayan) होते हैं और अपने पुत्र शनिदेव की मकर राशि में प्रवेश करते हैं उनके इस राशि परिवर्तन से शादी-ब्याह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है.
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होते ही देवताओं के दिन का शुभारंभ होता है. इस दिन तिल का दान करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही लोग तिल और गुड़ के लड्डू से अपने प्रियजनों का मुंह मीठा कराते हैं. इस अवसर पर शुभकामना संदेश भी भेजे जाते हैं, ऐसे में आप भी इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए प्रियजनों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- मीठे-मीठे गुड़ में मिल गया तिल,
उड़ी पतंग और खिल गया दिल,
चलो उड़ाए पतंग सबलोग मिल...
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
2- खुशी का है यह मौसम,
गुड़ और तिल का है यह मौसम,
पतंग उड़ाने का है यह मौसम,
शांति और समृद्धि का है यह मौसम,
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
3- खुले आसमान में जमीं से बात न करो,
जी लो जिंदगी खुशी की आस न करो,
हर त्योहार में कम से कम हमें न भूला करो,
फोन न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो.
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
4- बिन सावन बरसात नहीं होती,
सूरज डूबे बिना रात नहीं होती,
अब ऐसी आदत हो गई है कि,
आपको विश किए बिना किसी,
त्योहार की शुरुवात नहीं होती...
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
5- तिल हम हैं और गुड़ आप,
मिठाई हम हैं और मिठास आप,
साल के पहले त्योहार से,
हो रही है आज शुरुआत,
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करके सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पापों का नाश होता है. इसके साथ ही इस दिन किए गए दान का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है, इसलिए इस दिन के दान को महादान कहा जाता है. इस पर्व को उत्तर भारत में इसे खिचड़ी (Khichadi), तमिलनाडु में पोंगल (Pongal), ओडिशा में मकर चौला (Makar Chaula), असम में माघ बिहू (Magh Bihu) और गुजरात में उत्तरायण (Uttarayan) कहा जाता है.