Haldi Kunku Ukhane in Marathi: आज देशभर में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व मनाया जा रहा है. इस पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. साल की शुरुआत लोहड़ी से शुरू हो चुकी है. लोहड़ी को मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है. आज पुरे देश में मकर संक्रांति की धूम मची हुई है. इस पर्व को सभी राज्यों में अपने-अपने प्रथानुसार मनाया जाता है. वहीं महाराष्ट्र में मकर संक्रांति साल का पहला त्यौहार होता है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में पौष मास में जब सूर्य (Surya) मकर राशि में प्रवेश करता हैं तब इस पर्व को मनाया जाता हैं. इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण में होते हैं. मान्यता है कि, सूर्य देव इस दिन अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं. आज मकर संक्रांति का पुण्यकाल कुल 9.16 घंटे का है. मकर संक्रांति के बाद खरमास खत्म होता है और शुभ कार्य की शुरुआत होती हैं. खरमास खत्म होने के बाद से पूजा-अर्चना, शादी समारोह और गृह प्रवेश जैसे शुभकार्यों की शुरुआत हो जाती है.
मकर संक्रांति के मौके पर महाराष्ट्र की महिलाएं हल्दी कुमकुम (Huldi Kumkum) कार्यक्रम आयोजन करती हैं, इस समारोह में सभी महिलाएं एकत्रित होकर तील- गुड बांटती हैं. साथ ही एक दुसरे से कहती हैं, 'तिलगुल घ्या आणि गोड गोड बोला', इसका मतलब होता है, रिश्तों में तिल गुड की तरह ही मिठास बनी रहे. हल्दी कुमकुम समारोह में महिलाएं अपने पति के नाम से उखाणे लेती हैं. खास तौर पर उखाणे लेने की परंपरा नए शादीशुदा जोड़ी द्वारा निभाई जाती है, जिसे सुनने के लिए हर कोई बेताब होता है. आज हम मकर संक्रांति के इस खास पर्व पर आपके लिए आसान और बेहतरीन मराठी उखाणे लेकर आए हैं.
महाराष्ट्र में शादी के बाद सुहागन महिला को उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार उन्हें घर में बुलाते हैं. फिर उनको हल्दी और कुमकुम लगाकर लगाया जाता है, इसके बाद सुहागन का छोटा सा तोहफा देते हैं, जिसे मराठी में (वान) कहा जाता है. साथ ही तिलगुड़ का लड्डू दिया जाता है. महाराष्ट्र में महिलाएं तिलगुड़ का लड्डू अपने घरों में ही बनाती हैं. सभी कार्यक्रम होने के बाद नए शादीशुदा कपल्स को उखाणे लेने का आग्रह किया जाता हैं. अगर आप की भी अभी शादी हुई है तो आप निचे दिए गए उखाणे को बोल सकती हैं.
1. जमल्या सा-या जणी हळदी कुंकूवाच्या निमित्ताने
संसाराचा गाडा उचलेन......रावांच्या साथीने
2. तिळाचे लाडू, गुळाचा गोडवा
......रावांसोबत रोजच साजरा होतो माझा पाडवा
3. गुलाबापेक्षा सुंदर गुलाबाची कळी
......रावांचे नाव घेते हळदी कुंकूवाच्या वेळी
4. सासर आणि माहेरचे सगळेच आहे हौशी
......रावांचे नाव घेते हळदी कुंकूवाच्या दिवशी
5. मायेने जपली संस्कारात वाढली लेक आहे......ची (आडनाव टाकणे)
......रावांमुळे सून झाली मी......ची (आडनाव टाकणे)
6. जन्म दिला मातेने, पालन केले पित्याने,
........रावांचे नाव घेते पत्नी या नात्याने
7. सोन्याचे मंगळसूत्र सोनाराने घडविले
......नाव घ्यायला हळदी कुंकूवादिवशी सर्वांना अडवले
8. सर्व दागिन्यांत श्रेष्ठ काळे मनी
......राव आहेत माझ्या सौभाग्याचे धनी
9. मकर संक्रांतीच्या निमित्ताने हळदी कुंकूवाचा घातला घाट
आमच्या ..... रावांचा आहे एकदम राजेशाही थाट
10. हळद असते पिवळी, कुंकू असते लाल,
...…रावांची मिळाली साथ झाले जीवन खूशहाल
जो खाली जगह दी गए है उसकी जगह शादीशुदा महिलाएं अपने पति का नाम लें और इन आसान उखाणे से हल्दी-कुमकुम समारोह को खास बनाएं. आप सभी को मकर संक्रांति की ढेरों शुभकामनाएं. बता दें कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व होता है. इस दिन दान पुण्य करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है.