Mahavir Jayanti 2025 Greetings: महावीर जयंती के इन मनमोहक WhatsApp Status, GIF Images, HD Wallpapers के जरिए प्रियजनों को दें बधाई
महावीर जयंती 2025 (Photo Credits: File Image)

Mahavir Jayanti 2025 Greetings in Hindi: जैन धर्म के अनुयायियों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में शुमार महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) के पर्व को बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. भगवान महावीर (Bhagwan Mahavir) को जैन धर्म का 24वां तीर्थंकर माना जाता है, जिनकी जयंती को हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस साल 10 अप्रैल 2025 को महावीर जयंती मनाई जा रही है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुंडलपुर में हुआ था, लेकिन उनके जन्मे के वर्ष को लेकर मतभेद है. श्वेतांबर जैनियों का मानना है भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में हुआ था, जबकि दिगंबर जैन 615 ईसा पूर्व को उनका जन्म वर्ष मानते हैं.

भगवान महावीर के जन्म के बाद उनके पिता राजा सिद्धार्थ और मां रानी त्रिशला ने उनका नाम वर्धमान रखा था. उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य का ज्ञान दिया था, जिसे जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत के तौर पर जाना जाता है. महावीर जयंती पर आप इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स के जरिए प्रियजनों को पर्व की बधाई दे सकते हैं.

1- महावीर जयंती की शुभकामनाएं

महावीर जयंती 2025 (Photo Credits: File Image)

2- महावीर जयंती की हार्दिक बधाई

महावीर जयंती 2025 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ महावीर जयंती

महावीर जयंती 2025 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी महावीर जयंती

महावीर जयंती 2025 (Photo Credits: File Image)

5- महावीर जयंती 2025

महावीर जयंती 2025 (Photo Credits: File Image)

बताया जाता है कि महावीर जब 30 साल के हुए तो उन्होंने सत्य की खोज में अपना सिंहासन और परिवार छोड़ दिया. इसके बाद वो 12 साल तक एक तपस्वी की तरह निर्वासन में रहे. इंद्रियों को नियंत्रित करने में असाधारण कौशल दिखाने के बाद उन्हें महावीर नाम मिला. जैन समुदाय के लोग महावीर जयंती पर कई उत्सवों में भाग लेते हैं. इस दिन भगवान महावीर की प्रतिमा का सुगंधित तेल से अभिषेक करते हैं. इस दिन प्रभातफेरी और भव्य जुलूस के साथ पालकी यात्रा निकाली जाती है. इस पर्व को शांति और सद्भाव के लिए मनाया जाता है, इसके साथ ही भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है.