Maharashtra Krishi Din 2021 Messages in Hindi: महाराष्ट्र के हरित क्रांति के जनक वसंतराव नाइक (Vasantrao Naik) की याद में उनके जन्मदिन यानी 1 जुलाई को हर साल महाराष्ट्र कृषि दिवस (Maharashtra Krishi Din) मनाया जाता है. महाराष्ट्र कृषि दिन या महाराष्ट्र कृषि दिवस (Maharashtra Krishi Diwas) के दिन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक को याद किया जाता है, क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र में हरित क्रांति (Green Revolution of Maharashtra) का जनक माना जाता है, इसलिए उनकी जयंती पर इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिन कृषि क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया जाता है. वसंतराव फुलसिंह नाइक का जन्म 1 जुलाई 1913 को हुआ था और उन्होंने साल 1963 से 1975 की अवधि के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों के विकास में अपना अहम योगदान दिया था.
महाराष्ट्र में कृषि दिन का खास महत्व है, क्योंकि वसंतराव नाइक ने खेती करने वाले किसानों को मूल्यावान सेवाएं प्रदान की थीं. वसंतराव नाइक द्वारा महाराष्ट्र में हरित क्रांति लाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस खास अवसर पर आप अपने किसान भाईयों के साथ इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स और कोट्स को शेयर करके उन्हें इस दिवस की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- मेहनत करके अन्न उगाते हैं, पेट सभी का भरते हैं,
वो मसीहा हैं मेहनत के, जिन्हें हम किसान कहते हैं.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
2- पैर हो जिनके मिट्टी में, दोनों हाथ कुदाल पर रहते हैं,
खेतों में हरियाली आए, इसलिए किसान दिन-रात लगे रहते हैं.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
3- कोई परेशान है सास-बहू के रिश्तो में,
किसान परेशान हैं कर्ज की किश्तों में.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
4- मैं किसान हूं मुझे भरोसा है अपने जूनून पर,
निगाहें लगी हुई हैं आकाश के मानसून पर.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
5- छत टपकती है उसके कच्चे मकान की,
फिर भी बारिश अच्छी हो यह तमन्ना है किसान की.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
दरअसल, भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में से महाराष्ट्र को एक माना जाता है. कई उत्पादों के लिए देश इस राज्य पर निर्भर है, फिर भी राज्य के अन्नदाता किसान बदहाली में जीने को मजबूर हैं. अकाल, सूखा, बारिश की कमी, बढ़ती महंगाई और कर्ज के बोझ तले दबे होने के कारण किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. ऐसे में कृषि दिवस राज्य के किसानों और खेती से जुड़े विषयों पर चर्चा करने व उसका समाधान खोजने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है.