Magha Gupt Navratri 2020: कब से शुरु हो रही है माघ मास की गुप्त नवरात्रि? इस दौरान की जाएगी दस महाविद्याओं की आराधना, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
मां दुर्गा (Photo Credits:Facebook)

Magha Gupta Navratri 2020: मां दुर्गा (Maa Durga) की पूजा-अर्चना के पर्व नवरात्रि (Navratri) को साल में दो बार मनाया जाता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में काफी महत्व बताया जाता है. हालांकि भागवत पुराण के अनुसार, साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा पड़ने वाली अन्य दो नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) कहा जाता है. पहली गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष और दूसरी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ती है. साल 2020 में माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Magha Gupt Navratri) 25 जनवरी से शुरू हो रही है, जिसका समापन 4 फरवरी को होगा. जिस तरह से चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की उपासना की जाती है, वैसे ही गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या की पूजा की जाती है.

गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना करने वालों और तांत्रिक सिद्धियों की प्राप्ति की चाह रखने वालों के लिए विशेष मानी जाती है. गुप्त नवरात्रि में साधक नौ दिनों तक मां काली, तारा, षोडशी (त्रिपुर सुंदरी), भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और लक्ष्मी देवी की उपासना करते हैं. इस दौरान पूजा और व्रत से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है.

माघ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त

घट स्थापना- 25 जनवरी 2020 (शनिवार)

शुभ मुहूर्त- सुबह 09.48 बजे से सुबह 10.47 बजे तक.

कुल अवधि- 59 मिनट.

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.12 बजे से दोपहर 12.55 बजे तक. यह भी पढ़ें: Magh Mela 2020: 10 जनवरी से शुरू होगा माघ मेला, स्नान-दान एवं सूर्य को अर्घ्य देने से मिलेगा मनोवांछित फल

गुप्त नवरात्रि का महत्व

गुप्त नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है और साधक नौ दिनों तक व्रत रखकर दस महाविद्याओं की आराधना करते हैं. नौ दिनों तक दुर्गा चालीसा, सप्तशती के पाठ और दुर्गा के मंत्रों का जप किया जाता है. मां दुर्गा को लाल फूल अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए इस दौरान साधक उन्हें प्रसन्न करने के लिए लाल फूल अर्पित करते हैं. तंत्र साधना करने वालों के लिए गुप्त नवरात्रि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दौरान दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से आराधना की जाती है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है.