Magh Bihu 2023 Wishes: माघ बिहू की इन हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes, Images के जरिए दें शुभकामनाएं
माघ बिहू 2023 (Photo Credits; File Image)

Magh Bihu 2023 Wishes in Hindi: हर साल मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन असम (Assam) में माघ बिहू (Magh Bihu) यानी भोगाली बिहू (Bhogali Bihu) का त्योहार मनाया जाता है. यह असम में मनाया जाने वाले एक प्रमुख पर्व है, जिसे हिंदू पंचांग के माघ महीने (Magh Month) और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी महीने में मनाया जाता है. यह पर्व फसलों की कटाई और उससे उपजे अनाज के प्रति उल्लास का प्रतीक है. इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और परिवार के साथ मिलकर इस पर्व को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं. इसके साथ ही इस दिन लोग अग्नि देव की पूजा करते हैं और उन्हें नई फसल का भोग अर्पित करते हैं, फिर लजीज पकवानों का लुत्फ उठाकर इस पर्व को मनाते हैं.

माघ बिहू भगवान सूर्य और अग्नि देव को समर्पित पर्व है. इसके साथ ही यह फसलों की कटाई के मौसम के अंत का प्रतीक है. इस खास मौके पर कई जनजातियों और समुदाय के लोग एक साथ आकर इसे प्रेम और उत्साह के साथ मनाते हैं. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, इमेजेस के जरिए अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- आपका हर गम दूर हो,

जीवन खुशियों से भरपूर हो…

माघ बिहू की शुभकामनाएं

माघ बिहू 2023 (Photo Credits; File Image)

2- छोटों को करो प्यार,

बड़ों को दो सम्मान,

यह संकल्प लेकर,

मनाओ बिहू का त्योहार.

माघ बिहू की शुभकामनाएं

माघ बिहू 2023 (Photo Credits; File Image)

3- मान मिले सम्‍मान मिले,

सुख समृद्धि का वरदान मिले.

माघ बिहू की शुभकामनाएं

माघ बिहू 2023 (Photo Credits; File Image)

4- खुशियां आएं, सुख-समृद्धि आए,

घर आपके साक्षात भगवान पधारें,

करके कृपा आप पर अपनी,

हसरतें सारी आपकी पूरी करें.

माघ बिहू की शुभकामनाएं

माघ बिहू 2023 (Photo Credits; File Image)

5- नव दीप जले नव फूल खिले,

जीवन को नित नई बहार मिले,

बिहू के पावन त्‍योहार पर,

ईष्‍ट देव शबराई का आशीर्वाद मिले.

माघ बिहू की शुभकामनाएं

माघ बिहू 2023 (Photo Credits; File Image)

माघ बिहू के पर्व को असम में दो दिन तक मनाया जाता है. उरुका त्योहार का पहला दिन होता है और इस दिन युवक बांस और पत्तियों से झोपड़ी बनाते हैं, फिर अगले दिन वास्तविक उत्सव मेजी नामक एक अनुष्ठान के साथ शुरु होता है. इस दिन लोग खेतों में अलाव जलाते हैं और अग्नि देव की पूजा करते हैं. इसके साथ ही वे विभिन्न प्रकार के अन्नों का भोग अर्पित करते हैं. अलाव जलाने की इस प्रथा को मेजी ज्वालुवा कहा जाता है.