Lal Bahadur Shastri Punyatithi Anmol Vachan: लाल बहादुर शास्त्री को शांति पुरुष के रूप में जाना जाता है. वे स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में प्रसिद्ध हैं. उन्हें "जय जवान, जय किसान" के नारे की रचना के लिए भी याद किया जाता है. आइए हम भारतीय इतिहास के इस शानदार व्यक्तित्व के जीवन के बारे में और जानें. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में वाराणसी के मुगलसराय में हुआ था. उनके पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव थे और उनकी माता का नाम रामदुलारी देवी था. लाल बहादुर शास्त्री मुगलसराय और वाराणसी के पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज में छात्र थे. 1926 में, उन्होंने काशी विद्यापीठ से सफलतापूर्वक स्नातक की पढ़ाई पूरी की. यह भी पढ़ें: Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2023 Quotes: लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर अपनों के साथ शेयर करें उनके ये महान विचार
उनके स्नातक डिग्री पुरस्कार के एक भाग के रूप में, उन्हें "शास्त्री" की उपाधि दी गई थी, जिसका मतलब विद्वान है. किसी तरह इस डिग्री को उनके नाम के एक भाग के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा. बहुत कम उम्र से, लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित थे. अपने आदर्श के नक्शेकदम पर चलते हुए, वह समाज में कमजोर और गरीबों के उत्थान के लिए काम करना चाहते थे. इस प्रकार वह सर्वेंट्स ऑफ़ द पीपुल सोसाइटी के आजीवन सदस्य बन गए, जिसे लोक सेवक मंडल के रूप में भी जाना जाता है, जिसे लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित किया गया था. 16 मई 1928 को लाल बहादुर शास्त्री का विवाह ललिता देवी से हुआ.
1. देश की ताकत और मजबूती के लिए
सबसे जरूरी काम है
लोगों में एकता स्थापित करना.
2. यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो
भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा.
3. यदि हम लगातार लड़ते रहेगे तो
हमारी ही जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा,
हमे लड़ने के बजाय गरीबी,
बीमारी और अशिक्षा से लड़ना चाहिए.
4. मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और
मैं खुद उस पर अमल ना करू तो
मैं असहज महसूस करता हूं.
1961 में उन्हें गृह मंत्री नियुक्त किया गया. भारत के छठे गृह मंत्री के रूप में, लाल बहादुर शास्त्री ने 1961 से 1963 तक देश की सेवा की. इस दुआरान उन्होंने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उल्लेखनीय परिवर्तन किए. अंत में, 9 जून 1964 को, उन्हें भारत का प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया. लाल बहादुर शास्त्री ने 1964 से 1966 तक प्रधान मंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया. उन्हें 1966 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. लाल बहादुर शास्त्री ने 11 जनवरी 1966 को ताशकंद, उज्बेकिस्तान (तब सोवियत संघ) में अंतिम सांस ली. उनकी मृत्यु का कारण दिल का दौरा था.