Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2023 Quotes: भारत के दूसरे प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि 11 जनवरी को मनाई जाती है, उनका निधन आज ही के दिन 1966 में उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के ताशकंद में हुआ था. उन्होंने देश के लिए 30 से अधिक वर्षों तक अपने आपको समर्पित किया था और उन्हें महान सत्यनिष्ठा और क्षमता वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. वह महान आंतरिक शक्ति, विनम्र और सहनशील व्यक्ति थे. वह लोगों की भाषा समझते थे और देश की प्रगति के प्रति दूरदर्शी व्यक्ति थे. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था. वह स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधान मंत्री थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता भी थे. यह भी पढ़ें: Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2023: छोटा कद विशाल व्यक्तित्व! लाल बहादुर शास्त्री के जीवन के प्रेरक प्रसंग!
लाल बहादुर शास्त्री ने मुगलसराय और वाराणसी में पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज में अध्ययन किया. उन्होंने 1926 में काशी विद्यापीठ से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. उन्हें विद्या पीठ द्वारा उनके स्नातक डिग्री पुरस्कार के एक भाग के रूप में "शास्त्री" की उपाधि दी गई. जिसका अर्थ "विद्वान" है. शास्त्री जी महात्मा गांधी और तिलक से बहुत प्रभावित थे. उन्होंने 16 मई 1928 को ललिता देवी से शादी की. वे लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित सर्वेंट्स ऑफ़ द पीपल सोसाइटी (लोक सेवक मंडल) के आजीवन सदस्य बने. वहां उन्होंने पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम करना शुरू किया और बाद में वे उस सोसाइटी के अध्यक्ष बने. लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर हम ले आए कुछ मैसेजेस और कोट्स जिन्हें शेयर कर शास्त्री जी को याद कर सकते हैं.
1. हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए,
जितना हम युद्ध में लड़ते हैं.
2. हम न केवल अपने लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए
शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं.
3. आजादी का संरक्षण अकेले सैनिकों का काम नहीं है.
पूरे देश को मजबूत होना है.
4. सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी
असत्य और हिंसक साधनों से नहीं आ सकते हैं.
5. कानून के शासन का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि
हमारे लोकतंत्र की मूल संरचना को बनाए रखा जा सके
और आगे बढ़ाया जा सके.
1920 के दशक के दौरान, शास्त्री जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए, जिसमें उन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया. अंग्रेजों ने उन्हें कुछ समय के लिए जेल भेज दिया था. भारत की आजादी के बाद, लाल बहादुर शास्त्री यूपी में संसदीय सचिव बने. वे 1947 में पुलिस और परिवहन मंत्री भी बने. परिवहन मंत्री के रूप में उन्होंने पहली बार महिला कंडक्टरों की नियुक्ति की थी. पुलिस विभाग के प्रभारी मंत्री होने के नाते, उन्होंने यह आदेश पारित किया कि उत्तेजित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी के जेट का उपयोग करना चाहिए न कि लाठियों का.