शास्त्री जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
Lal Bahadur Shastri Jayanti 2024 Quotes: देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. सिर्फ 16 साल की उम्र में शास्त्री जी (Shastri Ji) आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे. देश के स्वाधीनता संग्राम में शामिल होने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए. आंदोलन में शामिल होने की वजह से उन्हें 17 साल की उम्र में पहली बार जेल भेज दिया गया था, लेकिन नाबालिग होने की वजह से उन्हें आजाद कर दिया गया. लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुगलसराय में हुआ था, इसलिए हर साल 2 अक्टूबर को उनकी जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) मनाई जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के दूसरे प्रधानमंत्री होते हुए उनके पास न तो खुद का घर था और न ही कोई संपत्ति थी.
आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन लोगों के लिए एक आदर्श है और उनके संघर्षों से लोगों को प्रेरणा भी मिलती है. सादा जीवन जीने में विश्वास रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री ने अपना संपूर्ण जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया. शास्त्री जी के विचार भी उन्हीं की तरह काफी महान थे. ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर आप उनके इन 10 महान प्रेरणादायी विचारों को प्रियजनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- आर्थिक मुद्दे पर यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़े.
शास्त्री जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
2- मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और मैं खुद उस पर अमल ना करूं तो मैं असहज महसूस करता हूं.
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3- समाज को सच्चा लोकतंत्र कभी भी हिंसा और असत्य से हासिल नहीं हो सकता है.
त्योहार
Anita Ram|
Oct 02, 2024 07:30 AM IST
शास्त्री जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
Lal Bahadur Shastri Jayanti 2024 Quotes: देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. सिर्फ 16 साल की उम्र में शास्त्री जी (Shastri Ji) आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे. देश के स्वाधीनता संग्राम में शामिल होने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए. आंदोलन में शामिल होने की वजह से उन्हें 17 साल की उम्र में पहली बार जेल भेज दिया गया था, लेकिन नाबालिग होने की वजह से उन्हें आजाद कर दिया गया. लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुगलसराय में हुआ था, इसलिए हर साल 2 अक्टूबर को उनकी जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) मनाई जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के दूसरे प्रधानमंत्री होते हुए उनके पास न तो खुद का घर था और न ही कोई संपत्ति थी.
आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन लोगों के लिए एक आदर्श है और उनके संघर्षों से लोगों को प्रेरणा भी मिलती है. सादा जीवन जीने में विश्वास रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री ने अपना संपूर्ण जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया. शास्त्री जी के विचार भी उन्हीं की तरह काफी महान थे. ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर आप उनके इन 10 महान प्रेरणादायी विचारों को प्रियजनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- आर्थिक मुद्दे पर यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़े.
शास्त्री जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
2- मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और मैं खुद उस पर अमल ना करूं तो मैं असहज महसूस करता हूं.
शास्त्री जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
3- समाज को सच्चा लोकतंत्र कभी भी हिंसा और असत्य से हासिल नहीं हो सकता है.
शास्त्री जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
4- मैं जितना साधारण दिखता हूं, उतना साधारण नहीं हूं.
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5- अपने देश की आजादी की रक्षा करना सिर्फ सैनिकों का काम नहीं, बल्कि यह पूरे देश का कर्तव्य है.
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6- कानून का सम्मान होना चाहिए, ताकि लोकतंत्र की मजबूत संरचना को बरकरार रखा जा सके.
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7- यदि कोई भी व्यक्ति ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा.
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3- समाज को सच्चा लोकतंत्र कभी भी हिंसा और असत्य से हासिल नहीं हो सकता है.
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4- मैं जितना साधारण दिखता हूं, उतना साधारण नहीं हूं.
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5- अपने देश की आजादी की रक्षा करना सिर्फ सैनिकों का काम नहीं, बल्कि यह पूरे देश का कर्तव्य है.
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6- कानून का सम्मान होना चाहिए, ताकि लोकतंत्र की मजबूत संरचना को बरकरार रखा जा सके.
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7- यदि कोई भी व्यक्ति ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा.
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8- जो शासन करते हैं उन्हें लोगों की प्रतिक्रिया जाननी चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही मुखिया होती है.
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9- देश की ताकत और स्थिरता के लिए सबसे जरूरी काम है लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करना.
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10- हम खुद की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं.
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गौरतलब है कि शास्त्री जी का निधन 11 जनवरी 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुआ था, जिसे लेकर आज भी रहस्य बरकरार है. दरअसल, शास्त्री जी भारत-पाक युद्ध के बाद हालातों को लेकर समझौता करने के लिए ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से मिलने गए थे, लेकिन उस मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद अचानक उनका निधन हो गया.
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गौरतलब है कि शास्त्री जी का निधन 11 जनवरी 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुआ था, जिसे लेकर आज भी रहस्य बरकरार है. दरअसल, शास्त्री जी भारत-पाक युद्ध के बाद हालातों को लेकर समझौता करने के लिए ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से मिलने गए थे, लेकिन उस मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद अचानक उनका निधन हो गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शास्त्री जी की सेहत बिल्कुल ठीक थी, लेकिन उनकी मौत की वजह हार्ट अटैक को बताया गया था. हालांकि जब उनके पार्थिव शरीर को भारत लाया गया तो प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उनके शरीर पर घाव के निशान थे. इसके बाद उनकी संदिग्ध मौत की जांच के लिए राज नारायण जांच समिति का गठन किया गया था, लेकिन आज तक उनकी मौत के रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है.