Karnataka Day 2024 Wishes: कन्नड़ राज्योत्सव (Kannada Rajyotsava), जिसे कर्नाटक का राज्य दिवस या कर्नाटक स्थापना दिवस (Karnataka Formation Day) भी कहा जाता है, हर साल 1 नवंबर को पूरे राज्य में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह कर्नाटक के दिल में एक खास जगह रखता है. यह सिर्फ़ राज्य के जन्म को चिह्नित करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत उत्सव है जो कर्नाटक की समृद्ध विरासत और विविधता को दर्शाता है. यह विशेष दिन 1956 में कर्नाटक राज्य के गठन का प्रतीक है जब सभी कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को एक राज्य के तहत एकीकृत किया गया था. कर्नाटक राज्योत्सव 2024 को उसी उत्साह और भावना के साथ मनाया जाएगा, जब लोग कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति, भाषा और विरासत का सम्मान करने के लिए एक साथ आएंगे.
जैसे-जैसे हम 2024 में कन्नड़ राज्योत्सव के करीब पहुंच रहे हैं, आइए इस त्यौहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को समझें और कन्नड़ लोगों के लिए एकता और गौरव का दिन है. कर्नाटक की जड़ें बहुत पीछे तक जाती हैं, तथा इसका इतिहास मौर्य, चालुक्य और विजयनगर साम्राज्य जैसे राजवंशों से समृद्ध है. प्रसिद्ध भारतीय इतिहासकार और लेखक अलुरु वेंकट राव कर्नाटक एकीकरण आंदोलन के माध्यम से कर्नाटक राज्य का गठन करना चाहते थे. 1950 में भारत एक गणतंत्र देश बन गया और भाषाओं के आधार पर अलग-अलग प्रांतों का गठन किया गया और यह 1 नवंबर, 1956 को दक्षिण भारत के सभी कन्नड़ भाषी इलाकों के विलय के रूप में सामने आया, जिससे एक कन्नड़ भाषी राज्य की स्थापना हुई. कन्नड़ राज्योत्सव का दिन यहां के लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है. इस दिन आप अपने कन्नड़ दोस्तों को Greetings और Wishes भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1. इस अद्भुत दिन को गर्व के साथ मनाएं,
कर्नाटक स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
2. इस खुशी के अवसर पर,
मैं प्रार्थना करता हूं कि सर्वशक्तिमान ईश्वर आपको खुशी,
धन और सफलता प्रदान करें.
कर्नाटक स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
3. वक्ताओं की ताकत भाषा,
लेखक का अभिमान है भाषा,
भाषाओं की जान यह,
हम सबकी कन्नड़ भाषा।
कन्नड़ राज्योत्सव की शुभकामनाएं!
4. शब्दों पर विश्वास रखिए,
आत्मा पर रखिए गर्व,
साथ मिलकर मनाइए,
कन्नड़ राज्योत्सव का पर्व।
कन्नड़ राज्योत्सव की बधाई!
5. शहद की तरह है मीठी,
फूलों की तरह है प्यारी,
जान है हमारी कन्नड़ भाषा
कन्नड़ राज्योत्सव की शुभकामनाएं!
शुरू में, नवगठित राज्य का नाम मैसूर रखा गया था, लेकिन उत्तरी कर्नाटक जैसे कुछ क्षेत्रों ने इस नाम को स्वीकार नहीं किया. अंत में साल 1973 में सभी कन्नड़ भाषी राज्य का नाम बदलकर 1 नवंबर को कर्नाटक कर दिया गया, जो कन्नड़ शब्द “करुनाडु” से लिया गया है जिसका अर्थ है “ऊंची भूमि. ”