Kajari Teej 2023 Messages in Hindi: आज (02 सितंबर 2023) विवाहित महिलाओं (Married Women) और विवाह योग्य कुंवारी कन्याओं के लिए बेहद खास दिन है, क्योंकि आज अखंड सौभाग्य के पर्व कजरी तीज (Kajari Teej) को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज के पर्व को हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जिसे कजली तीज (kajali Teej), बूढ़ी तीज (Budhi Teej) या सातूड़ी तीज (Satudi Teej) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस दिन अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से विवाहित महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं, जबकि विवाह योग्य कुवांरी कन्याएं अच्छे वर की कामना से यह व्रत करती हैं. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में कजरी तीज धूमधाम से मनाया जाती है.
इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं और कन्याएं अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं, फिर सोलह श्रृंगार करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. पूजन के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण किया जाता है. इस पर्व की बधाइयां भी दी जाती हैं, ऐसे में आप भी इन शानदार मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, शायरी और एचडी इमेजेस को भेजकर अपनी सखी-सहेलियों को हैप्पी कजरी तीज कह सकती हैं.
1- व्रत तीज का है बहुत ही मधुर प्यार का,
दिल की श्रद्धा और सच्चे विश्वास का,
बिछिया पैरों में हो, माथे पर बिंदिया,
हर जन्म में मिलन हो हमारा साथिया.
हैप्पी कजरी तीज
2- तीज है उमंगो का त्योहार,
फूल खिले हैं बागों में,
बारिश की है फुहार,
दिल से आपको हो मुबारक,
प्यारा ये तीज का त्योहार.
हैप्पी कजरी तीज
3- कजरी तीज का पावन त्योहार है,
सुहागिनों ने किया सोलह श्रृंगार है,
अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत है,
आप को माता पार्वती का वरदान है,
रहें सदा सुहागन ये शिव का आशीर्वाद है.
हैप्पी कजरी तीज
4- मेहंदी से सजे हाथ,
सुहागिनों की खनकती चूड़ियां,
और घेवर की मिठास,
ये है कजरी तीज का त्योहार.
हैप्पी कजरी तीज
5- मेरा मन झूम-झूम नाचे,
गाए तीज के हरियाली गीत,
आज पिया संग झूलेंगे,
संग में मनाएंगे कजरी तीज.
हैप्पी कजरी तीज
ऐसी मान्यता है कि कजरी तीज के दिन निर्जल व्रत रखकर पूरे भक्तिभाव के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य, जबकि कुवांरी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. इस व्रत में नीमड़ी माता की पूजा का भी विधान है. पूजन के दौरान नीमड़ी माता को गेंहू, चावल, चना, घी और मेवों से बने प्रसाद का भोग अर्पित किया जाता है, फिर रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है.