Kabir Das Jayanti 2021 HD Images: संत कबीर दास जी के इन प्यारे WhatsApp Status, GIF Greetings, Photo SMS, Wallpapers के जरिए दें बधाई
संत कबीर दास जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

Kabir Das Jayanti 2021 HD Images: आज (24 जून 2021) पूरे देश में संत कबीर दास जी की जयंती (Sant Kabir Das Jayanti) मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, उनकी जयंती ज्येष्ठ पूर्णिमा को मनाई जाती है और यह पावन तिथि आज है. कबीर दास जी (Kabir Das) देश के एक ऐसे महान संत रहे हैं, जिनकी रचनाओं से प्रेरणा पाकर हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग काफी प्रभावित हुए थे. कहा जाता है कि जब कबीर जी का मगहर में देहावसान हुआ था, तब उनके शव के अंतिम संस्कार को लेकर हिंदू-मुस्लिम में विवाद के हालात बन गए थे. कहा यह भी जाता है कि जब उनके मृत देह से चादर हटाई गई, तब वहां पर सिर्फ फूलों का ढेर ही मिला. इन फूलों के ढेर का बंटवारा करके दोनों धर्मों के लोगों ने अपने-अपने रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया था.

संत कबीर जी की द्वारा रचित प्रसिद्ध रचनाओं में बीजक, सखी ग्रंथ, कबीर ग्रंथावली और अनुराग सागर शामिल है. उनकी रचनाएं देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हैं. संत कबीर दास जी की जयंती के इस खास अवसर आप उनके इन प्यारे एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को अपनों संग शेयर करके बधाई दे सकते हैं.

1- संत कबीर दास जयंती 2021

संत कबीर दास जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

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2- संत कबीर दास जयंती 2021

संत कबीर दास जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

3- संत कबीर दास जयंती 2021

संत कबीर दास जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

4- संत कबीर दास जयंती 2021

संत कबीर दास जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

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5- संत कबीर दास जयंती 2021

संत कबीर दास जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

संत कबीर दास जी की जन्मतिथि के बारे में अलग-अलग मत है, लेकिन कहा जाता है कि उनका जन्म काशी के समकक्ष लहरतारा ताल में 1398 में हुआ था. बताया जाता है कि दो राहगीर नीमा और नीरू विवाह कर बनारस जा रहे थे और विश्राम करने के लिए लहरतारा ताल के पास रुके तब उन्हें कबीर दास जी कमल के फूल में लिपटे हुए मिले थे. दोनों ने संत कबीर दास जी को अपनाया और उनकी परवरिश की. कबीर दास जी ने अपने जीवन काल में समाज में फैले पाखंड, अंधविश्वास और व्यक्ति पूजा का विरोध करते हुए अपनी अमृतवाणी से लोगों को एकता का संदेश दिया.