सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास से जुड़े तीन घटनाक्रम हैं, जो ज्येष्ठ माह के हर मंगलवारों विशेष बनाते है

त्रेतायुग में, जब भगवान राम देवी सीता की खोज में निकले थे, हनुमान जी से उनकी पहली मुलाकात ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हुई थी. श्रीराम-हनुमान के इस मिलन को बहुत शुभ माना जाता है.

Bada Mangal | File

पहली घटनाः त्रेतायुग में, जब भगवान राम देवी सीता की खोज में निकले थे, हनुमान जी से उनकी पहली मुलाकात ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हुई थी. श्रीराम-हनुमान के इस मिलन को बहुत शुभ माना जाता है.

दूसरी घटनाः 18वीं शताब्दी में, अवध के नवाब वाजिद अली शाह का बेटा एक बार गंभीरू रूप से बीमार पड़ा. सभी हकीम और वैद्यों ने उनसे स्पष्ट कहा कि उनके बच्चे का इलाज संभव नहीं है. तब किसी ने नवाब को सुझाव दिया कि बच्चे को हनुमान मंदिर ले जाएं. नवाब अपने बच्चे को अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर ले गये. उनकी भक्ति और आस्था से बच्चा स्वस्थ हो गया. मान्यता है कि नवाब ने इस घटना से प्रसन्न होकर ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में मनाने की शुरुआत की.

तीसरी घटनाः महाभारत का युद्ध जीतने के बाद भीम को अपने शक्ति-बल पर घमंड हो गया. तब हनुमान जी ने उन्हें सीख देने के इरादे से एक वृक्ष के नीचे पूंछ फैलाकर सो गया. भीम उधर से गुजरे तो कहा हे बानर ये पूँछ हटा. बानर ने कहा मैं वृद्ध हो गया हूं. तुम ही हटाकर चले जाओ. तमाम कोशिशों के बाद जब भीम बानर का पूछ हिला तक नहीं समझे, तब आत्मिक शक्ति से उन्होंने हनुमान जी को पहचान लिया और अपनी गलती के लिए छमा याचना की.

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