Jyeshtha Gauri Puja 2019: गणेशोत्सव के तीसरे दिन किया जाता है ज्येष्ठा गौरी का आह्ववान, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और गौरी विसर्जन की तिथि
ज्येष्ठा गौरी पूजा 2019 (Photo Credits: Facebook)

Jyeshtha Gauri Puja 2019 Date: देशभर में 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की धूम मची हुई है. इस पर्व को महाराष्ट्र (Maharashtra) में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में मनाए जाने वाले गणेशोत्सव के दौरान ज्येष्ठा गौरी की पूजा (Jyeshtha Gauri Puja) का विधान भी है. गणेशोत्सव के तीसरे दिन ज्येष्ठा गौरी का आह्वान किया जाता है और एक दिन तक उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है, उसके बाद गौरी विसर्जन किया जाता है. इस साल गौरी आह्वान ( Jyeshtha Gauri Avahana) गणेशोत्सव के तीसरे दिन यानी 5 सितंबर को किया जा रहा है, इसके बाद 6 सितंबर को गौरी पूजन (Gauri Puja) किया जाएगा और 7 सितंबर को गौरी जी का विसर्जन (Gauri Visarjan) किया जाएगा.

गौरी आह्वान के दौरान माता गौरी की प्रतिमा को घरों में स्थापित किया जाता है और उनका आह्वान किया जाता है. गौरी पूजन के दिन प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. गौरी विसर्जन के दिन गौरी-गणेश का विसर्जन किया जाता है. देवी गौरी भगवान गणेश (Lord Ganesha) की माता हैं जो अपने आगमन के साथ भक्तों के जीवन में शुभता और समृद्धि लेकर आती हैं. यह भी पढ़ें: Ganeshotsav 2019: अष्टविनायकों में से एक है सिद्धटेक का सिद्धिविनायक मंदिर, सूंड के आधार पर पड़ा था यहां विराजमान बाप्पा का नाम

पूजा विधि

खासकर, महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के दौरान गौरी पूजा की परंपरा निभाई जाती है. यहां महिलाएं गौरी पूजा करती हैं. गौरी पूजा करके एक ओर जहां विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं तो वहीं कुंवारी लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए गौरी जी का पूजन करती हैं. गौरी पूजन के लिए महिलाएं रात्रि जागरण भी करती हैं. इस दौरान महिलाएं फुगड़ी जैसे पारंपरिक खेल भी खेलती हैं.

गौरी पूजन के दौरान माता पार्वती की प्रतिमा को भगवान शिव की बाईं तरफ स्थापित किया जाना चाहिए. पूजा की शुरुआत भगवान गणेश को स्मरण करके करना चाहिए. गौरी पूजन के दिन शाम के समय हल्दी-कुमकुम कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

  • गौरी पूजन के दिन देवी की प्रतिमा को शुद्ध जल से स्नान कराएं.
  • इसके बाद पंचामृत और जल से माता गौरी का अभिषेक करें.
  • इसके बाद एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर माता गौरी की प्रतिमा स्थापित करें.
  • माता गौरी को साड़ी पहनाएं और उसके बाद उनका सोलह श्रृंगार करें.
  • फिर माता को फल, फूल, धूप, दीप, दक्षिणा इत्यादि अर्पित करके पूजन करें.
  • गौरी पूजन के दौरान उन्हें सोलह प्रकार के व्यंजन और मिठाइयां अर्पित की जाती हैं.
  • पूजा के दौरान माता गौरी के मंत्रों का जप करें, कथा पढ़ें और आखिर में उनकी आरती करें. यह भी पढ़ें: Ganeshotsav 2019: दरिद्रता से बचना चाहते हैं तो भूलकर भी न करें भगवान गणेश की पीठ के दर्शन, जानें उनके किस अंग में है किसका वास

शुभ मुहूर्त-

ज्येष्ठा गौरी आह्वान तिथि- गुरुवार, 5 सितंबर 2019.

ज्येष्ठा गौरी आह्वान मुहूर्त- सुबह 07.18 बजे से रात 08.20 बजे तक.

ज्येष्ठा गौरी पूजा तिथि- शुक्रवार, 6 सितंबर 2019.

ज्येष्ठा गौरी विसर्जन तिथि- शनिवार, 7 सितंबर 2019.

मान्यता है कि ज्येष्ठा गौरी की पूजा करने से महिलाओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कुंवारी लड़कियों को अच्छा जीवनसाथी मिलता है. महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के दौरान ज्येष्ठा गौरी की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने के बाद उनका विसर्जन किया जाता है. गणेश जी के साथ-साथ उनकी माता की पूजा करने से भक्तों को गणेश जी और माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.