Jawaharlal Nehru Jayanti 2024 Wishes: जवाहर लाल नेहरू जयंती पर शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images और Wallpapers
जवाहर लाल नेहरू जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Jawaharlal Nehru Jayanti 2024 Wishes in Hindi: आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती (Pandit Jawaharlal Nehru Jayanti ) हर साल 14 नवंबर को मनाई जाती है. उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था. उनके पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरू था, जो कि एक कश्मीरी पंडित थे और उनकी माता का नाम स्वरूपरानी था. पंडित जवाहरलाल नेहरू जयंती को देशभर में बाल दिवस यानी चिल्ड्रंस डे (Children's Day) के तौर पर देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. नेहरू जी को बच्चों से बेहद लगाव था और बच्चे भी उन्हें काफी पसंद करते थे, इसलिए बच्चे उन्हें प्यार से चाचा जी कहकर पुकारते थे. बचपन से ही पंडित जवाहरलाल नेहरू जी (Jawaharlal Nehru) प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने विश्व के प्रसिद्ध स्कूलों और कॉलेजों से अपनी पढ़ाई पूरी की.

पंडित जवाहरलाल नेहरू इंग्लैंड में सात साल तक रहे, फिर वो भारत लौट आए. भारत आने के बाद उन्होंने वकालत शुरु की और साल 1916 में उन्होंने कमला नेहरू से शादी कर ली. इसके अगले साल से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई. उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया, जिसके चलते उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. पंडित जवाहरलाल नेहरू जयंती पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को शेयर कर सकते हैं.

1- पंडित जवाहर लाल नेहरू जयंती की बधाई

जवाहर लाल नेहरू जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- हैप्पी पंडित जवाहर लाल नेहरू जयंती

जवाहर लाल नेहरू जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

3- नेहरू जयंती की शुभकामनाएं

जवाहर लाल नेहरू जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी नेहरू जयंती 2024

जवाहर लाल नेहरू जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

5- पंडित जवाहर लाल नेहरू जयंती 2024

जवाहर लाल नेहरू जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि भारत की आजादी से पहले 26 जनवरी 1930 को उन्होंने रावी नदी के तट पर पहली बार स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया था और उस दौरान उन्होंने देश की आजादी का भी संकल्प लिया था. देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के चलते उन्हें कई बार कांग्रेस पार्टी की कमान भी सौंपी गई. आजादी की लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते ही उन्हें आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर चुना गया. आजादी के कई साल बाद 27 मई 1964 को उनका निधन हो गया.