International Workers' Day 2022 Wishes in Hindi: दुनिया भर के मजदूरों (Labours)और श्रमिकों (Workers) के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Workers' Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मई दिवस (May Day), मजदूर दिवस (Workers Day), लेबर डे (Labour Day), श्रमिक दिवस जैसे कई नामों से जाना जाता है. अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर पूरे विश्व में आधिकारिक छुट्टी होती है. भारत में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के इतिहास की बात करें तो चेन्नई में 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी. दुनिया भर के मजदूरों के प्रति सम्मान जाहिर करना, उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाना, उनके अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और मजदूर संगठन को मजबूत बनाना ही इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है.
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मजदूरों की उपलब्धियों और देश के विकास में उनके योगदान को सलाम करने का खास दिन है. इस मौके पर मजदूर संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा रैली व सभाओं का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इन विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- परेशानियां बढ़ जाए तो इंसान मजबूर होता है,
श्रम करने वाला हर व्यक्ति मजदूर होता है.
श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं
2- किसी को क्या बताएं कि कितने मजबूर हैं हम,
बस इतना समझ लीजिए कि मजदूर हैं हम.
श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं
3- मजदूर अपना कर्म करता जरूर है,
इसलिए देश को उस पर गुरूर है.
श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं
4- चलता है परदेश कमाने हाथ में थैला तान,
लेकर कुछ चना, चबेना, आलू और पिसान,
टूटी चप्पल, फटा पजामा मन में कुछ अरमान,
ढंग की जो मिले मजूरी तो जैसे मिल जाए जहान.
श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं
5- सो जाता है फुटपाथ पे अखबार बिछा कर,
मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाता.
श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के इतिहास की बात करें तो अमेरिका के शिकागो में 1 मई 1886 को मजदूरों ने आंदोलन की शुरुआत की थी. कहा जाता है कि यहां के मजदूरों को रोजाना 15 घंटे तक लगातार काम करना पड़ता था और बदले में उन्हें वेतन काफी कम मिलता था, इसलिए काम के घंटों को घटाकर 8 घंटे करने की मांग को लेकर 1 मई 1886 को मजदूर सड़कों पर उतरे और आंदोलन की शुरुआत की.
इस आंदोलन के दौरान पुलिस ने कुछ मजदूरों पर गोली चलवा दी, जिसमें कई मजदूरों ने अपनी जान गंवा दी. इस आंदोलन के बाद साल 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक के दौरान 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया. इसके साथ ही मजदूरों के काम के समय को घटाकर 8 घंटे करवाने और इस दिन आधिकारिक छुट्टी रखने का फैसला किया गया.