Happy Holi 2024 Wishes in Sanskrit: होली (Holi) भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो रंगों के उत्सव (Festival of Colors) को मनाने के लिए जाना जाता है. रंगों के इस पर्व का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है, जिसके अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा के दिन रंगों वाली होली खेली जाती है. इस साल होली 25 मार्च 2024 को मनाई जा रही है. इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल और अबीर लगाकर होली खेलते हैं, फिर गले मिलकर एक-दूसरे को होली की बधाई देते हैं. रंगो वाली होली के दिन लोगों द्वारा भांग की ठंडाई, गुझिया और मिठाई जैसे लजीज पकवानों का लुत्फ उठाया जाता है.
रंगों के त्योहार होली पर लोग न सिर्फ प्यार से एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं, बल्कि शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. इस दिन हिंदी, अंग्रेजी और मराठी के अलावा लोग विभिन्न भाषाओं में शुभकामनाएं देते हैं. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं होली के शानदार विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, जिन्हें भेजकर आप संस्कृत में होलिका पर्व शुभकामना: कहते हुए बधाई दे सकते हैं.
1- सूर्य संवेदना पुष्पे, दीप्ति कारुण्यगंधने।
लब्ध्वा शुभं होलिकापर्वेऽस्मिन कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्।।
भावार्थः जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदवा करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है,
उसी तरह आने वाला यह होली का पर्व आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो.
2- अवतु प्रीणातु च त्वां भक्तवत्सलः ईश्वरः।
होलिका पर्व शुभकामनाः
भावार्थः भगवान आपकी सुरक्षा करें और आप पर कृपा बनाएं रखे. होली पर्व की शुभकामना.
3- भवज्जीवनं रड्गैः आल्हादमयं भवेदिति कामना ।
भावार्थः कामना है कि आपका जीवन आनंद के रंगों से भरा रहे.
4- आशासे यत् होलिकापर्व भवतु मङ्गलकरम् अद्भुतकरञ्च।
जीवनस्य सकलकामनासिद्धिरस्तु।
भावार्थः मुझे उम्मीद है कि होली का पर्व आपके लिए एक सुखद आश्चर्य लेकर आएगा.
आप जीवन में जो कुछ भी चाहते हैं, वह आपको मिले.
5- आशासे त्वज्जीवने रंगोत्सवम् अत्युत्तमं शुभप्रदं स्वप्नसाकारकृत् कामधुग्भवतु।
भावार्थः मुझे उम्मीद है कि रंगों का त्योहार आपके जीवन का सबसे अच्छा पर्व होगा.
आपके सभी सपने सच हों और आपकी सभी आशाएं पूरी हों.
गौरतलब है कि होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. होली से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, असुर हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे, इसलिए हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को जलाकर मारने के लिए अपनी बहन होलिका को तैयार किया था. होलिका को अग्नि में न जल पाने का वरदान मिला था, लेकिन जब वो प्रह्लाद को लेकर आग में बैठी तो स्वयं जलकर भस्म हो गई, जबकि श्रीहरि ने अपने भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की थी.