Hartalika Teej 2019 Messages in Hindi: हरियाली तीज और कजरी तीज के बाद विवाहित महिलाएं अब हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2019) का पर्व मनाने के लिए तैयार हैं. दरअसल, हरतालिका तीज (Hartalika Teej) को अखंड सौभाग्य का पर्व माना जाता है, जिसका इंतजार महिलाएं साल भर बड़ी ही बेसब्री से करती हैं. सुहागन महिलाएं (Married Women) अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना से इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करती हैं. इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं, नए कपड़े पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करके भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva), माता पार्वती (Maa Parvati) और गणेश जी (Lord Ganesha) की पूजा करती हैं. इस साल सौभाग्य का पर्व हरतालिका तीज 1 सितंबर 2019 को मनाया जा रहा है.
वाकई हरतालिका तीज महिलाओं और कुंवारी लड़कियों के लिए बेहद खास होता है और इस खास मौके पर आप अपनी सहेलियों और प्रियजनों को सोशल मीडिया के जरिए फेसबुक मैसेज, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ, एसएमएस और वॉलपेपर्स भेजकर शुभकामनाएं दे सकती हैं. यकीन मानिए ये मैसेजेस आपकी सहेलियों और प्रियजनों को बेहद पसंद भी आएंगे.
1- व्रत तीज का है, त्योहार मधुर प्यार का.
दिल की श्रद्धा और सच्चे विश्वास का,
बिछिया पैरों में हो, माथे पर बिंदिया,
हर जन्म में मिलन हो हमारा पिया.
हरतालिका तीज की बधाई ! यह भी पढ़ें: हरतालिका तीज 2019 कब है? 1 या 2 सितंबर को लेकर असमंजस, जानें सौभाग्य के इस पर्व की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
2- चंदन की खुशबू, बादलों की फुहार
मुबारक हो आपको तीज का त्योहार.
हरतालिका तीज की बधाई !
3- बारिश की बूंदें इस मौसम में,
फैलाए चारों ओर हरियाली,
ये हरतालिका का त्योहार ले जाए,
आपके जीवन की सारी परेशानी.
हरतालिका तीज की बधाई !
4- आया तीज का त्योहार,
सखियों हो जाओ तैयार,
मेहंदी हाथों में रचा के,
कर लो सोलह श्रृंगार,
हरतालिका तीज की बधाई ! यह भी पढ़ें: Hartalika Teej 2019 Mehndi Designs: मेहंदी के बिना अधूरा है हरतालिका तीज का त्योहार, जरूर ट्राई करें ये लेटेस्ट व आकर्षक डिजाइन (Watch Video & Photos)
5- तीज है उमंगो का त्योहार,
फूल खिले है बागों में,
बारिश की है फुहार,
मुबारक हो तीज का ये प्यारा त्योहार.
हरतालिका तीज की बधाई !
गौरतलब है कि हरतालिका तीज का व्रत काफी समय पहले से किया जाता रहा है. कहा जाता है कि माता पार्वती ने सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव के लिए निर्जला व्रत धारण किया था, तभी से इस व्रत को करने की परंपरा चली आ रही है. इस दिन महिलाएं दिन भर भूखी-प्यासी रहती हैं और प्रदोष काल में भगवान शिव, माता पार्वती व गणेश जी की पूजा करके अगले दिन इस व्रत का पारण करती हैं.