हरतालिका तीज 2019 कब है? 1 या 2 सितंबर को लेकर असमंजस, जानें सौभाग्य के इस पर्व की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज 2019 (Photo Credits: Facebook)

Hartalika Teej 2019 Date: हरतालिका तीज (Hartalika Teej) सुहागन महिलाओं (Married Women) का सबसे बड़ा अखंड सौभाग्य का पर्व माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करके निर्जल व्रत रखती हैं. सौभाग्य का यह पर्व हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं भगवान शिव (Lord Shiva), माता पार्वती (Mata Parvati) और गणेश जी (Lord Ganesha) की पूजा करती हैं. हालांकि इस बार हरतालिका तीज का त्योहार कब मनाया जाएगा, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ज्योतिष के कुछ जानकारों का मानना है कि यह पर्व 1 सितंबर को मनाया जाएगा, जबकि कुछ जानकारों का कहना है कि हरतालिका तीज का व्रत 2 सितंबर को रखा जाएगा.

अगर आप भी हरतालिका तीज की तारीख को लेकर दुविधा में हैं तो हम आपको बता दें कि चित्रा पक्षीय कैतकी गणना से तैयार पंचांगों के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत 1 सितंबर को पड़ रहा है, जबकि अन्य पंचांगों के मुताबिक, 2 सितंबर को हरतालिका तीज मनाई जाएगी.

हरतालिका तीज 1 सितंबर को

चित्रा पक्षीय पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 1 सितंबर 2019, रविवार को सुबह 8.28 बजे से लगेगी जो अगले दिन 2 सितंबर 2019, सोमवार की सुबह 8.58 बजे समाप्त होगी. अन्य पंचांगों की गणना के मुताबिक, 2 सितंबर के दिन हरतालिका तीज बताई जा रही है, लेकिन इस दिन तृतीया तिथि सिर्फ 2 घंटे 45 मिनट के लिए ही रहेगी. इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी, जिसके कारण 2 सितंबर को सिर्फ आधे दिन के लिए ही हरतालिका तीज की तिथि है, इसलिए 1 सितंबर को हरतालिका तीज मनाया जाना उचित माना जा रहा है. यह भी पढ़ें: Hariyali Teej 2019 Mehandi Designs: हरियाली तीज पर हाथों में लगाएं अपने पिया के नाम की मेहंदी, ट्राई करें ये आकर्षक डिजाइन

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त

तृतीया तिथि आरंभ- 1 सितंबर 2019, रविवार सुबह 8.28 बजे से.

तृतीया तिथि समाप्त- 2 सितंबर 2019, सोमवार सुबह 8.58 बजे तक.

पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 5.27 से 7.52 बजे तक.

प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 5.50 बजे से 8.09 बजे तक.

हरतालिका तीज पूजा विधि

  • हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है.
  • इस व्रत के दौरान प्रदोष काल में पूजा करना, कथा पढ़ना या सुनना अधिक फलदायी माना जाता है.
  • प्रदोष काल में पूजा के लिए एक साफ चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.
  • इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
  • महादेव और गणेश जी को जनेऊ, वस्त्र, गंध, पुष्प, फल, मिठाई, चंदन इत्यादि अर्पित करें.
  • फिर माता पार्वती जी को फूल, वस्त्र और सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें.
  • इसके बाद धूप-दीप और अगरबत्ती जलाकर व्रत की कथा पढ़ें या सुनें.
  • विधि-विधान से पूजा करने के बाद भजन करें और शिव-पार्वती व गणेश जी की आरती उतारें.

व्रत से जुड़े नियम

  • हरतालिका तीज का व्रत बहुत कठिन माना जाता है और इस व्रत से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ता है.
  • इस व्रत को सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं रखती हैं, लेकिन एक बार व्रत रखने के बाद इस व्रत को जीवन भर रखना पड़ता है.
  • अगर व्रत करने वाली महिला ज्यादा बीमार है तो उसके बदले घर की अन्य महिला या फिर उसका पति व्रत रख सकता है.
  • व्रत करने वाली महिला को इस दिन किसी भी व्यक्ति पर गुस्सा नहीं करना चाहिए और न ही अपशब्द कहना चाहिए.
  • व्रत करने वाली महिला को पति के साथ क्लेश नहीं करना चाहिए, ऐसा करने पर व्रत अधूरा माना जाता है.
  • इस व्रत में सोने की मनाही है, कहा जाता है कि व्रत के दौरान सोने से महिला अगले जन्म में अजगर बनती है.
  • दिनभर निर्जल व्रत रखने के बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करने के बाद व्रत खोला जाता है. यह भी पढ़ें: Kajari Teej 2019 Mehndi Designs: कजरी तीज पर महिलाएं लगाती हैं अपने हाथों और पैरों में मेहंदी, इस अवसर पर आप भी ट्राई करें ये लेटेस्ट डिजाइन

गौरतलब है हरतालिका तीज का व्रत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में रखा जाता है. इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती समेत गणेश जी की पूजा करती हैं. माता पार्वती को पूजा के दौरान नए वस्त्र और सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित की जाती है.