Happy Maharana Pratap Jayanti 2021 Wishes: महाराणा प्रताप जयंती पर इन WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes, HD Images, और Wallpapers के जरिए अपने प्रियजनों को दें शुभकामनाएं
महाराणा प्रताप (Photo Credits: Wikimedia Commons)

देशभर में आज महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti) मनाई जाती है. अपनी वीरता, बहादुरी, और साहस के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. इस साल महाराणा प्रताप की 481 वीं जयंती मनाई जा रही है. मेवाड़ के 13वें राजपूत राजा (King Of Mewar) महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का जन्म 1540 में एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय (Udai Singh II) और माता का नाम जयवंता बाई (Jaiwanta Bai) था. वे एक वीर राजपूत योद्धा और एक बेहतरीन युद्ध रणनीतिकार थे.

महाराणा प्रताप ने अपने शौर्य से मुगलों द्वारा बार-बार किए जाने वाले हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और अपनी आखिरी सांस तक मेवाड़ की रक्षा की. इस महान योद्धा के जयंती के इस खास अवसर पर आप अपने प्रियजनों को इन प्यार भरे मैसेज से शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- महाराणा प्रताप जयंती पर शत-शत नमन

महाराणा प्रताप जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

2- भारत मां का ये वीर सपूत,

हर हिंदुस्तानी को प्यारा है,

कुंवर प्रताप जी के चरणों में,

शत-शत नमन हामारा है.

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

3- चेतक पर चढ़ कर जिसने,

भाले से दुश्मन संहारे थे,

मातृभूमि की खातिर,

जंगल में कई साल गुजारे थे.

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

4- प्रताप के शौर्य की गाथा,

हर कोई सुनाएगा गाकर,

मातृभूमि भी धन्य हो गई,

प्रताप जैसा पुत्र पाकर.

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

5- महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

6- धन्य हो रे राजस्थान,

जो जन्म लिया यहां प्रताप ने,

धन्य हो रे सारा मेवाड़,

जहां कदम रखे थे प्रताप ने.

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

महाराणा प्रताप ने कभी मुगलों के किसी भी तरह के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. वे सदैव मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष करते रहे. इतिहास के जानकारों के अनुसार, एक बार जब अकबर ने  को जागीरदार बनने का मौका दिया तो उन्होंने मुगल शासक के सामने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण हल्दीघाटी का घमासान युद्ध हुआ.

मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून 1576 को हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था. इस युद्ध में अकबर के पास 80,000 से भी ज्यादा सैनिक थे, जबकि महाराणा प्रताप सिर्फ 20,000 सैनिकों की फौज लेकर युद्ध के मैदान में उतरे थे. कहा जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर जीत पाया था और न ही महाराणा प्रताप की हार हुई थी.