Independence Day 2018: 15 अगस्त पर दोस्तों को भेजें ये देशभक्ति भरी शायरी, गर्व का है यह पल

नई दिल्ली.  15 अगस्त करीब आने के साथ ही देश आजादी के 71वें साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है. आजादी, जिसे सुनते ही खुले आंगन और अनंत आकाश का अनुभव होता है. इस आजादी के लिए हर भारतीय ने अपने प्राण न्योछावर कर डाले थे. जरा सोचिए क्या मंजर रहा होगा आजादी की लड़ाई के दौरान जहां हर तरफ भारत माता की जय, वंदे मातरम का नारा गूंजता होगा. एक तरफ अहिंसा से आजादी की मांग हो रही थी तो दूजी तरफ ब्रतानी सरकार की नकेल भी क्रांतिकारी कस रहे थे. भारत माता के सच्चे सपूतों ने अपनी जान देकर हमें आजादी का यह दिन दिखलाया है. उनका ऋणी हर भारतीय अनंतकाल तक रहेगा. चलो आज आजादी के इस दिन को कुछ इस अंदाज में मनाया जाए...वीरों की बातें उनका गुणगान हर हिंदुस्तानी तक पहुंचाया जाए. गर्व से पढ़ें सीना चौड़ा कर देने वाली ये देशभक्ति शायरी...

1

"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,

वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा"

2

"जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,

जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है"

3

"ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा

ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा

पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए

कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये"

4

"लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,

मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा

मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,

मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा"

5

"जादी की कभी शाम नहीं होने देंगे

शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे

बची हो जो एक बूंद भी लहू की

तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे"

6

"सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ !

दुश्मन की सांसे थम जायें, आवाज में इतनी धमक रखता हूँ !!"

7

"कुछ नशा तिरंगे की आन का है,

कुछ नशा मातृभूमि की मान का है,

हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,

नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है"

8

"इश्क तो करता है हर कोई

महबूब पे तो मरता है हर कोई

कभी वतन को महबूब बना के देखो

तुझ पे मरेगा हर कोई"

9

"सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं,

देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं,

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,

हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं"

10

"चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं,

इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,

मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं,

कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं"