Happy Anant Chaturdashi 2020 Messages In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) से लेकर अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) तक गणेशोत्सव (Ganeshotsav) का पर्व मनाया जाता है. इस साल अनंत चतुर्दशी 1 सितंबर 2020 (मंगलवार) को पड़ रही है. इस दिन घरों और सार्वजनिक पंडालों में स्थापित गणेश जी (Lord Ganesha) की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा का भक्त धूमधाम से स्वागत करते हैं और अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार डेढ़, 3, 5, 7 और 10 दिन में गणेश जी का विसर्जन कर उन्हें विदाई देते हैं. इस दौरान गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ... के जयकारे लगाए जाते हैं. मान्यता है कि दस दिनों तक भक्तों के बीच रहकर उनके कष्टों को दूर कर उनके जीवन में खुशहाली लाकर गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) अनंत चतुर्दशी को कैलाश वापस लौट जाते हैं.
गणेश चतुर्थी के दिन जिस तरह से बप्पा का स्वागत किया जाता है, उसी तरह के अनंत चतुर्दशी को धूमधाम से उन्हें विदा भी किया जाता है. ऐसे में लोग एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. आप भी गणपति बप्पा के इन भक्तिमय मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ विशेज, फोटोज, एसएमएस, एचडी वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को हैप्पी अनंत चतुर्दशी कहकर गणपति बप्पा को विदाई दे सकते हैं.
1- सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,
तुम बिन काम ना चले, अरज सुन मेरी,
रिद्धि-सिद्धि को लेकर करो भवन में फेरी,
करो ऐसी कृपा नित करूं मैं पूजा तेरी.
हैप्पी अनंत चतुर्दशी
2- सुखकर्ता जय मोरया,
दुखहर्ता जय मोरया,
भगवान गणेश की कृपा,
बनी रहे आप पर हर दम,
हर कार्य में सफलता मिले,
जीवन में न आए कोई गम.
हैप्पी अनंत चतुर्दशी
3- आपका और खुशियों का जनम-जनम का साथ हो,
आपकी तरक्की की हर किसी की जुबां पर बात हो,
जब भी आपका किसी मुश्किल से सामना हो,
गणपति बप्पा मुश्किल घड़ी में आपके साथ हों.
हैप्पी अनंत चतुर्दशी
4- दिल से जो भी मांगोगे मिलेगा,
ये गणेश जी का दरबार है,
देवों के देव वक्रतुंड महाकाय को,
अपने हर भक्त से प्यार है...
हैप्पी अनंत चतुर्दशी
5- भक्तो के जीवन से करते हैं दुख-दर्द का नाश,
गणेशजी सुख-समृद्धि और बुद्धि का देते हैं वरदान,
भगवान गणेश की कृपा से पूर्ण होते हैं सबके काज,
अनंत चतुर्दशी आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां लाए.
हैप्पी अनंत चतुर्दशी
पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने गणेश चतुर्थी के दिन से भगवान गणेश को महाभारत की कथा सुनाना आरंभ किया था. लगातार दस दिनों तक वेदव्यास आंख बंद करके गणेश जी को महाभारत की कथा सुनाते रहे और गणेश जी बिना आराम किए लगातार उसे लिखते रहे. दस दिन बाद जब कथा पूरी हुई तो वेदव्यास जी ने अपनी आंखे खोली और देखा कि लगातार कथा लिखते हुए गणेश जी के शरीर का तापमान बढ़ गया था.
इसके बाद उनके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए वेदव्यास जी ने गणेश जी को तालाब में स्नान कराया. कहा जाता है कि जिस दिन गणेश जी को तालाब में स्नान कराया गया था, उस दिन अनंत चतुर्दशी थी. कहा जाता है कि इसी कारण हर साल अनंत चतुर्दशी पर गणपति बप्पा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है.