Guru Nanak Jayanti 2021 Wishes in Hindi: सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरू, गुरू नानक देव जी की जयंती (Guru Nanak Jayanti) को सिख धर्म के लोग प्रकाश पर्व (Prakash Parv) या गुरपुरब (Gurpurab) के नाम से मनाते हैं. सिख धर्म में सबसे बड़े त्योहारों में से एक गुरू नानक जयंती इस साल 19 नवंबर 2021 को मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima) तिथि को गुरू नानक जी की जयंती मनाई जाती है. इस दिन सुबह प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं और गुरुद्वारों में सबद कीर्तन का आयोजन किया जाता है. इसके अलावा घरों और गुरुद्वारों को रोशनी से सजाया जाता है. इसके साथ ही शहर भर में लंगर और सेवा कार्य आयोजित किए जाते हैं.
सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू, गुरू नानक जी ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से पूरी मानव जाति को सही राह दिखाई है. इस साल 552वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है, ऐसे में शुभकामना संदेशों के जरिए लोग एक-दूसरे को बधाई देना चाहेंगे. आप भी इस अवसर पर अपनों को इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- सतगुरु सब दे काज संवारे,
आप सबको प्रथम सिख गुरु,
नानक देव जी के जन्मदिवस की,
आप सभी को लख-लख बधाइयां.
गुरपुरब की शुभकामनाएं
2- राज करेगा खालसा, बाके रहे ना कोए,
वाहेगुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह.
गुरपुरब की शुभकामनाएं
3- प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ,
प्रभु के नाम की सेवा करो,
और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ.
गुरपुरब की शुभकामनाएं
4- गुरु नानक देव जी आपको अपने,
सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें,
आपको सुख-शांति का आशीर्वाद दें,
और अनंत आनंद व खुशी प्रदान करें.
गुरपुरब की शुभकामनाएं
5- गुरु नानक देव जी के सद्कर्म,
हमे सदा राह दिखाएंगे,
वाहे गुरु के ज्ञान से,
सबके बिगड़े हुए काम बन जाएंगे.
गुरपुरब की शुभकामनाएं
गुरू नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 ई. में हुआ था. उनका जन्म वर्तमान के पाकिस्तान स्थित पंजाब प्रांत में तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था, जहां आज ननकाना साहिब नाम का गुरुद्वारा स्थित है. ननकाना साहिब गुरुद्वारे का निर्माण महाराज रंजीत सिंह ने करवाया था. गुरू नानक देव जी ने समाज की बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था. उन्होंने अपने जीवनकाल में मूर्ति पूजा का विरोध करते हुए निराकार ईश्वर की उपासना का संदेश दिया था.