Guru Nanak Jayanti 2021 Messages in Hindi: सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू, गुरू नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji) की इस साल 19 नवंबर 2021 को 552वीं जयंती मनाई जा रही है. गुरू नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) को गुरपुरब (Gurpurab) या प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरू नानक देव जी की जयंती को हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima) तिथि को मनाया जाता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को वर्तमान के पाकिस्तान स्थित पंजाब प्रांत के तलवंडी में हुआ था, जिसे ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. सिख धर्म के लोग गुरू नानक जयंती के पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन विशाल नगर कीर्तन और प्रभात फेरी का आयोजन किया जाता है, जिसमें नानक देव जी के अनमोल वचनों का गुणगान किया जाता है.
गुरू नानक देव जी की जयंती पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ता है. इसके साथ ही इस दिन सिख धर्म के लोग एक-दूसरे को गुरपुरब या प्रकाश पर्व की लख-लख बधाइयां देते हैं. आप भी इस खास मौके पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और जीआईएफ इमेजेस को दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करके उन्हें गुरू नानक जयंती की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- नानक नाम जहाज है,
जो जपे वो उतरे पार,
मेरा सद्गुरु करता मुझको प्यार,
वही तो है मेरा खेवनहार.
गुरु नानक जयंती की बधाई
2- सर पर मेरे है गुरुवर का हाथ,
है हरपल, हरदम वो मेरे साथ,
है विश्वास वही राह दिखाएंगे,
मेरे सारे बिगड़े काम बन जाएंगे.
गुरु नानक जयंती की बधाई
3- नानक-नानक मैं हरदम करूं,
मेरे गुरु को ढूंढती मैं फिरूं,
मुझको दे दो ऐसा आशीर्वाद,
आंखें जब खोलूं दर्शन तेरे करूं.
गुरु नानक जयंती की बधाई
4- इस जग की माया ने मुझको है घेरा,
ऐसी कृपा करो गुरु नाम न भूलूं तेरा,
चारों ओर मेरे दुखों का छाया है अंधेरा,
मेरा इक पल भी ना जाएं बिना लिए नाम तेरा.
गुरु नानक जयंती की बधाई
5- खालसा मेरा रूप है खास,
खालसे में ही करूं निवास,
खालसा अकाल पुरख की फौज,
खालसा मेरा मित्र कहाए.
गुरु नानक जयंती की बधाई
इस साल देशभर में गुरू नानक देव जी की 552वीं जयंती मनाई जा रही है. गुरपुरब यानी प्रकाश पर्व के खास अवसर पर देश के तमाम गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन, अरदास, लंगर और सेवा का आयोजन किया जाता है. कहा जाता है कि बचपन से ही गुरू नानक देव जी का मन सांसारिक कामों में नहीं लगता था और वो ज्यादातर समय ईश्वर की भक्ति और सत्संग में खुद को व्यस्त रखते थे. उन्हें एक महान दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृहस्थ, योगी और देशभक्त के तौर पर जाना जाता है.