Govatsa Dwadashi 2020 Rangoli Designs: गोवत्स द्वादशी के इस शुभ अवसर पर बनाएं रंगोली, देखें आसान और सुंदर तस्वीरें (Watch Tutorial Video)
आज देश के कई हिस्सों में गोवत्स द्वादशी मनाया जा रहा है. इसे बछ बारस और वसु बारस के नाम से भी जाना जाता है. पूजा से पहले कई तैयारियां की जाती है, जिसमें से एक है घर के द्वार पर रंगोली बनाना. रंगोली किसी भी पर्व की शुभता को बढ़ता है और इसे भगवान की आगमन के लिए शुभ प्रतिक भी माना जाता है. आज हम अपनी इस लेख में कई तरह की रंगोली डिजाइन दिखाएंगे, जिसे आप बड़ी आसानी से बना सकती हैं.
Govatsa Dwadashi 2020 Rangoli Designs: आज देश के कई हिस्सों में गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) मनाया जा रहा है. गोवत्स द्वादशी को बछ बारस (Bach Baras) और वसु बारस (Vasu Baras) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है. धर्मों का मानना है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और गोवत्स द्वादशी के दिन गाय-बछड़े की पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. गाय और बछड़े की पूजा कर उनको खाना खिलाया जाता है. शहरों में अक्सर गाय और बछड़ा कम ही देखनें को मिलती हैं, तो अगर अगर आपके आसपास यह ना दिखाई दें तो आप इनकी प्रतिमा बनाकर पूजा कर सकते हैं.
कहा जाता है कि, जो लोग गोवत्स द्वादशी के व्रत और पूजा करते हैं, उनपर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विशेष कृपा होती है और वे अपना आशीर्वाद भक्तों पर हमेशा बनाएं रखते हैं. गोवत्स द्वादशी व्रत संतान की लंबी आयु और समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है. इस दिन कुछ जगहों पर माएं अपनी संतान की खुशहाल जीवन की कामना के लिए निर्जला व्रत भी रखती हैं. पूजा से पहले कई तैयारियां की जाती है, जिसमें से एक है घर के द्वार पर रंगोली (Rangoli) बनाना. रंगोली किसी भी पर्व की शुभता को बढ़ता है और इसे भगवान की आगमन के लिए शुभ प्रतिक भी माना जाता है. रंगोली केवल रंगों की सहयता से ही नहीं बनाई जाती, आप इसमें अनाज, फूलों अन्यता अपनी पसंद की किसी भी वस्तु का उपयोग कर बना सकती हैं. आज हम अपनी इस लेख में कई तरह की रंगोली डिजाइन दिखाएंगे, जिसे आप बड़ी आसानी से बना सकती हैं.
देखें रंगोली की आसान, आकर्षक और सुंदर डिजाइन्स:
फूल और पत्तों वाली रंगोली: इस रंगोली को फूलों और पत्तों की सहायता से बनाया गया है. यह एक आसान और सुंदर रंगोली है.
गोवत्स द्वादशी स्पेशल रंगोली डिजाइन: गोवत्स द्वादशी के दिन स्पेशल रंगोली डिजाइन जरुर बनाएं.
अनाजों से बनाई गई रंगोली: इस रंगोली की खास बात यह है कि इसे कई तरह के अनाजों का इस्तेमाल कर बनाया गया है. इसमें किसी भी रंगों का उपयोग नहीं किया गया है.
आसान और सुंदर रंगोली डिजाइन: अपना समय बचानें के लिए इस रंगोली को आप जरुर बना सकते हैं.
साधारण रंगोली डिजाइन: यह आसान और सुंदर रंगोली डिजाइन जरुर बनाएं.
देखें यह खास और स्पेशल रंगोली डिजाइन (Watch Videos)
1- रंगोली डिजाइन
2- रंगोली डिजाइन
3- रंगोली डिजाइन
गोवत्स द्वादशी का शुभ मुहूर्त रात 09.30 मिनट है. गोवत्स द्वादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 05.29 मिनट से रात 08.07 मिनट तक है. इस दिन गोवंश की पूजा होती है. कहा जाता है कि गौ-भक्ति और गौ-सेवा से बढ़कर कोई अनुष्ठान नहीं है. गाय माता के पूजन से व्यक्ति को समस्त देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.